23 मिनट पहले
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अफगानिस्तान में शासन के 3 साल पूरे होने पर तालिबान ने बुधवार को जश्न मनाया। इस दौरान उन्होंने अब तक की सबसे बड़ी मिलिट्री परेड निकाली। इसमें सोवियत काल के टैंक और तोपखाने दिखाए। अफगानिस्तान के बगराम में मौजूद अमेरिकी बेस से परेड की शुरुआत हुई। यह जगह राजधानी काबुल से करीब 40 किमी दूर है।
दरअसल, तालिबान के आने से पहले बगराम अमेरिका का सैन्य ठिकाना था। यहां अमेरिका ने कई तालिबानियों को गिरफ्तार कर रखा भी था। बुधवार को हुई परेड में चीन और ईरान के डिप्लोमैट्स मौजूद रहे। इस दौरान उन हथियारों और सैन्य वाहनों को भी दिखाया गया जिन्हें अमेरिका वहीं छोड़ गया था।
मिलिट्री परेड के दौरान तालिबान लड़ाके सैन्य वर्दी में नजर आए।
तालिबानी लड़ाकों ने सैन्य वर्दी में मार्च पास्ट किया
सभी सैन्य वाहनों पर इस्लामिक एमिरेट ऑफ अफगानिस्तान का काले-सफेद रंग का झंडा लगा हुआ था। यह देश में तालिबान के शासन का प्रतीक है। इसके अलावा बगराम बेस के ऊपर मिलिट्री हेलिकॉप्टर और फाइटर जेट भी उड़ान भरते नजर आए। तालिबान के लड़ाकों सैनिक की वर्दी पहने हाथ में मशीन गन लेकर मार्च पास्ट करते नजर आए।
वहीं तालिबानी लड़ाकों ने मोटरसाइकिलों पर तालिबान का झंडा लेकर काफिला भी निकाला। अफगानिस्तान के प्रधानमंत्री मोहम्मद हसन अखुंद ने पश्चिमी कब्जे को हराकर तालिबान की जीत के लिए अधिकारियों को बधाई दी।
अखुंद ने कहा, “तालिबान सरकार का फर्ज है कि वह इस्लामिक राज बनाए रखे, लोगों की जिंदगी और संपत्ति की रक्षा करे और देश के सम्मान के लिए काम करती रहे।” वहीं एक समय विदेशी दूतावासों का गढ़ रहे ग्रीन जोन में भी अफगानी बच्चे तालिबान का झंडा लहराते दिखे।
तालिबानियों ने हाथ में मशीन गन लेकर मोटरसाइकिल पर परेड निकाली।
अमेरिका जिन सैन्य वाहनों को अफगानिस्तान में छोड़ गया था, उन पर तालिबानी झंडा लगा नजर आया।
तालिबान की यह अब तक की सबसे बड़ी सैन्य परेड थी।
तालिबान राज में 14 लाख लड़कियों को नहीं मिली माध्यमिक शिक्षा
अफगानिस्तान में तालिबान शासन आने के बाद से महिलाओं और बच्चियों पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। 2021 से करीब 14 लाख लड़कियां अफगानिस्तान में माध्यमिक शिक्षा नहीं मिल सकी है। UNESCO के आंकड़ों के मुताबिक, प्राथमिक शिक्षा के लिए भी लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या 11 लाख कम दर्ज की गई है।
इसके अलावा तालिबान ने बालिग लड़कियों के मस्जिद जाने पर भी रोक लगा रखी है। तालिबान के कानून के मुताबिक जो भी महिला अडल्ट्री (पति के अलावा दूसरे पुरुष से संबंध बनाना) मामले में दोषी हुई, उसकी पत्थरों से मार-मारकर हत्या कर दी जाएगी।
अफगानिस्तान में दुकानों के बाहर महिलाओं की तस्वीर वाले बोर्ड नहीं लगाए जा सकते। महिलाओं के अकेले यात्रा करने और उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस दिए जाने पर भी पाबंदी है। महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य है।
मान्यता मिलने के इंतजार में तालिबान शासन
तालिबान ने 15 अगस्त 2021 को काबुल के साथ ही पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। अमेरिका और भारत समेत अब तक किसी भी देश में तालिबान को अफगानिस्तान की सरकार के तौर पर मान्यता नहीं दी है। अफगानिस्तान लगातार दुनिया से उसे मान्यता देने की मांग करता रहा है।
तालिबान के कार्यकारी रक्षा मंत्री मुल्लाह मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने एक इंटरव्यू में कहा था कि सरकार ने मान्यता हासिल करने के लिए सारी जरूरतों को पूरा किया है। इसके बावजूद अमेरिका के दबाव में आकर दूसरे देश हमें मान्यता नहीं दे रहे हैं।