लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर पिछले साल हुए हिंसक हमलों की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एनआईए ने गुरुवार को इंदरपाल सिंह गाबा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। 22 मार्च 2023 को लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने हुए खालिस्तानी अलगाववादी विरोध प्रदर्शन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए गाबा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। गाबा यूके का नागरिक है और हाउस्लो में रह रहा है, जबकि वह मूल रूप से नई दिल्ली का निवासी है।
एनआईए ने गाबा को 25 अप्रैल 2024 को गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ आरोप साबित करने के लिए लंबी जांच की गई। जांत में गाबा की भूमिका को स्पष्ट रूप से उभर कर आई है। गाबा को दिसंबर 2023 में लंदन से पाकिस्तान होते हुए भारत लौटते समय अटारी सीमा पर आव्रजन अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था, जो उसकी गिरफ्तारी का कारण बना।
जांच में हुए कई खुलासे
जांच के दौरान, एनआईए ने गाबा के मोबाइल फोन की जांच की जिसमें कई आपत्तिजनक वीडियो और तस्वीरें शामिल थीं। इन सबूतों के आधार पर गबा की संलिप्तता की पुष्टि की गई। एनआईए की जांच में यह भी सामने आया कि लंदन में हुए हमले, पंजाब पुलिस द्वारा अमृतपाल सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख के खिलाफ की गई कार्रवाई के खिलाफ बदला था। एनआईए की जांच ने यह स्पष्ट हुआ है कि ये हिंसक हमले खालिस्तानी अलगाववादी तत्वों द्वारा किए गए थे, जिनका मकसद भारत में खिलाफ दहशत फैलाना और पंजाब को अलग करने की दिशा में काम करना था।
खालिस्तानियों ने किया था राष्ट्रीय ध्वज का अपमान
बताते चलें कि लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हुए खालिस्तानी हमले के दौरान भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को उतार दिया था। इस घटना के मद्देनजर बीते साल अप्रैल में गृह मंत्रालय की ब्रिटेन के गृह कार्यालय के प्रतिनिधियों से मुलाकात से मुलाकात की थी। बाद में एनआईए ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी।
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