अफ़ग़ानिस्तान के मामलों में इस्लामी गणंत्र ईरान के राष्ट्रपति के विशेष प्रतिनिधि ने कहा है कि दुश्मन ईरान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच नफ़रत के बीज बोने की कोशिश कर रहे हैं।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, पिछले सप्ताह मंगलवार को पवित्र नगर मशहद में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के पवित्र रौज़े के “पयाम्बरे आज़म” नामक प्रांगड़ में एक हमलावर ने चाकू से हमला कर दिया था कि जिससे दो धार्मिक छात्र शहीद और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हमलावर को इमाम रज़ा के रौज़े के सुरक्षाकर्मियों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। पवित्र नगर मशहद में होने वाली घटना पर जहां पूरी दुनिया से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं वहीं अफ़ग़ानिस्तान की जनता, हस्तियां, धार्मिक संगठन और अफ़ग़ान अधिकारी लगातार इस घटना की निंदा कर रहे हैं और ईरान की जनता और सरकार से संवेदना जता रहे हैं।
इस बीच अफ़ग़ान शरणार्थियों के संबंध में कुछ अज्ञात लोगों के ज़रिए सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरों का प्रकाशित किया जा रहा है कि जिसका सच से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे झूठे प्रचार का केवल एक ही उद्देश्य है और वह है अफ़ग़ानिस्तान और ईरान के बीच नफ़रत का बीच बोना। इसी साज़िश के तहत सोमवार को काबुल में ईरान और अफ़ग़ानिस्तान के संबंधों के ख़िलाफ़ षडयंत्र करने वाले कुछ लोगों ने ईरानी दूतावास और हेरात में ईरानी काउंसलेट के सामने इकट्ठा होकर पत्थर फेंका। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए अफ़ग़ानिस्तान के मामलों में इस्लामी गणंत्र ईरान के राष्ट्रपति के विशेष प्रतिनिधि हसन काज़मी क़ुम्मी ने अपने ट्वीटर पेज पर ईरान में मौजूद अफ़ग़ान शरणार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए लिखा कि दुश्मन दो पड़ोसी राष्ट्रों अफ़ग़ानिस्तान और ईरान के बीच नफ़रत का बीच बोने का प्रयास कर रहा है। काज़मी क़ुम्मी ने कहा कि अफ़ग़ान शरणार्थियों के लिए स्थिति अनुकूल है और जल्द ही और अच्छी चीज़ें सामने आएंगी। (RZ)