नई दिल्ली/बीजिंग33 मिनट पहले
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मैग्नेटिक स्पेस लॉन्चर का वजन 80 मीट्रिक टन और कीमत लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपए होगी।
चीन के वैज्ञानिक चंद्रमा से पृथ्वी पर हीलियम पहुंचाने के लिए मैग्नेटिक स्पेस लॉन्चर (Magnetic Space Launcher) बनाने की तैयारी में हैं। लॉन्चर का वजन 80 मीट्रिक टन (800 क्विंटल) और कीमत लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपए होगी। इसका इस्तेमाल चंद्रमा की सतह पर मौजूद आइसोटोप हीलियम-3 को निकालने के लिए किया जाएगा।
शंघाई इंस्टीट्यूट ऑफ सैटेलाइट इंजीनियरिंग के शोधकर्ताओं के मुताबिक, हीलियम-3 न्यूक्लियर फ्यूजन से साफ ऊर्जा पाने का आशाजनक तरीका है। सिर्फ 20 टन हीलियम-3 चीन की एक साल की ऊर्जा जरूरतें पूरी करने के लिए काफी हो सकती है।
लॉन्चर कब से तैयार होगा यह तारीख अभी नहीं बताई गई है। इसे चंद्रमा की सतह पर कम से कम 20 साल तक चलने के लिए डिजाइन किया जाएगा। माना जा रहा है कि यह योजना रूस और चीन के साझा अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़ी हो सकती है। इसमें दोनों देशों ने 2035 तक चंद्रमा के साउथ पोल पर शोध स्टेशन बनाने का प्रस्ताव भी रखा था।
आज की लागत के 10% में दो बार पेलोड लॉन्च करेगा
लॉन्चर काम करने के लिए केवल बिजली का इस्तेमाल करेगा, जो इसे परमाणु और सौर सोर्स से प्राप्त होगी। अंतरिक्ष सामग्री पृथ्वी पर फेंकने के लिए लॉन्चर चंद्रमा के हाई वैक्यूम और कम गुरुत्वाकर्षण का उपयोग करेगा। आज की लागत के लगभग 10% में ही यह रोजाना 2 बार पेलोड लॉन्च करेगा।
भारत चंद्रमा से मिट्टी-पत्थर लाने की तैयारी में
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब इसरो चंद्रयान 4 और 5 की तैयारी कर रहा है। ISRO प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ ने मंगलवार (20 अगस्त) को कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी ने अगले चरण के मून मिशन के लिए डिजाइन तैयार कर लिया है। सरकार से मंजूरी लेने की प्रक्रिया चल रही है।
इसमें चंद्रयान-4 मिशन में चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद चंद्रमा के पत्थरों और मिट्टी को पृथ्वी पर लाना, चंद्रमा से एक अंतरिक्ष यान को लॉन्च करना, चंद्रमा की कक्षा में अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग का प्रदर्शन करना और नमूनों को पृथ्वी पर वापस लाना शामिल है। पूरी खबर पढ़ें…
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गगनयान एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग, ISRO ने वीडियो शेयर किया, जीरो ग्रेविटी में योग करते दिखे
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ISRO ने गगनयान मिशन के एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग का एक वीडियो जारी किया है। वीडियो में दिख रहा है कि एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस जैसी एक सिमुलेटेड कंडीशन में ट्रेनिंग दी जा रही है। ISRO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर यह वीडियो शेयर किया है। वीडियो में एस्ट्रोनॉट्स स्पेस मॉड्यूल के भीतर योग कर रहे हैं। उन्हें अंतरिक्ष यान, जीरो ग्रेविटी और स्पेस में आने वाली अन्य चुनौतियों के हिसाब से ट्रेनिंग की जा रही है। पूरी खबर पढ़ें…