30 मिनट पहले
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मोहम्मद यूनुस ने 8 अगस्त को बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर के तौर पर शपथ ली थी।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने न्यूज एजेंसी PTI को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत में रहकर राजनीतिक बयानबाजी नहीं चाहिए।
यूनुस ने कहा कि वो हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करेंगे लेकिन तब तक हसीना को चुप रहना चाहिए। जिससे कि दोनों देशों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
यूनुस ने कहा कि हमने भारत के सामने अपना रूख साफ कर दिया है। अगर भारत शेख हसीना को प्रत्यर्पण की मांग तक अपने पास रखना चाहता है तो हसीना को चुप रहना होगा।
हसीना पिछले एक महीने से भारत में रह रही हैं। उन्हें 5 जून के बाद शुरु हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद 5 अगस्त को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
इस्तीफा देने के बाद हसीना भारत आ गई थीं। इसके बाद बांग्लादेश में नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया था।
‘हसीना को वापस लाकर उन पर मुकदमा चलाएंगे’
यूनुस ने शेख हसीना को वापस लाकर उन पर मुकदमा चलाने की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि हसीना के भारत में रहने से कोई भी सहज नहीं है।
यूनुस ने कहा कि अगर हसीना चुप रहतीं, तो हम इसे भूल जाते, लोग भी भूल जाते क्योंकि वह अपनी दुनिया में होतीं। लेकिन वह भारत में बैठकर बयानबाजी कर रही हैं, निर्देश दे रही हैं, यह किसी को पसंद नहीं है।
दरअसल यूनुस शेख हसीना के 13 अगस्त को दिए उस बयान की ओर इशारा कर रहे थे जिसमें हसीना ने पिछले महीने बांग्लादेश में हुई हत्याओं और हिंसा को आंतकी घटना करार देते हुए उनमें शामिल लोगों की पहचान और जांच की मांग की थी। साथ ही हसीना ने अपने लिए न्याय की मांग करते हुए अपराधियों को सजा देने के लिए कहा था।
PTI से बात करते हुए यूनुस ने इस तरह के बयान को भारत और बांग्लादेश दोनों के लिए अच्छा नहीं बताया है।
यूनुस ने कहा कि हसीना को भारत में शरण दी गई है, और वहां रहकर हमारे खिलाफ कैंपेन चला रही हैं।
‘हसीना के बिना अफगानिस्तान नहीं बन जाएगा बांग्लादेश’
इंटरव्यू में यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश भारत के साथ अपने मजबूत संबंधों को महत्व देता है। लेकिन भारत को इस धारणा से आगे बढ़ना होगा जिसमें वो शेख हसीना की आवामी लीग के अलावा दूसरी पार्टियों को इस्लामिक पार्टियों के तौर पर देखता है।
यूनुस के मुताबिक ऐसा नहीं है कि शेख हसीना की आवामी लीग पार्टी के अलावा किसी दूसरी पार्टी की सरकार में बांग्लादेश, अफगानिस्तान बन जाएगा।
यूनुस ने हसीना के देश छोड़ने को लेकर कहा कि वो किसी साधारण वजह से नहीं भागी हैं। उन्हें जनता के विद्रोह और आक्रोश के बाद देश से भागना पड़ा। यूनुस ने कहा कि जिन लोगों पर अत्याचार हुए हैं, सरकार उन्हें न्याय अवश्य दिलाएगी।
यूनुस ने जोर देते हुए कहा कि हसीना को मुकदमों का सामना करना पड़़ेगा। इसके बिना लोगों को शांति नहीं मिलेगी।
‘अल्पसंख्यकों पर हमले सिर्फ एक बहाना’
बांग्लादेश में हिंसा के दौरान अल्पसंख्यको और खासतौर पर हिंदुओं पर हुए हमलों को लेकर यूनुस ने कहा कि ‘ये सिर्फ एक बहाना है। अल्पसंख्कों पर हमलों को बड़ा दिखाने की कोशिश हो रही है।’
हसीना के देश छोड़ने के बाद भड़की हिंसा में हिंदुओं के साथ हिंसा, दुकानों और संपत्तियों की तोड़फोड़ और मंदिरों पर हमले की घटनाएं सामने आईं थी।
प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने भी 15 अगस्त को लाल किले से दिए भाषण में बांग्लादेश में अल्पसंख्यको और खासतौर पर हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता जाहिर की थी।
इसके बाद मोहम्मद यूनुस ने PM मोदी से फोन पर बात की थी। जिसमें उन्होंने बांग्लादेश में रह रहें हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर भरोसा दिया था।
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बांग्लादेश बोला- भारत से आ रहे बयानों से खुश नहीं:हसीना के प्रत्यर्पण की मांग भारत को शर्मिंदा करेगी, उम्मीद है वे सही फैसला लेंगे
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में विदेश मंत्री मोहम्मद तोहीद हुसैन ने कहा कि उनकी सरकार भारत से आ रहे बयानों से खुश नहीं हैं। शेख हसीना की तरफ से भी जो बयान जारी किए गए वे सही नहीं थे। उन्होंने यह बात भारत के हाई कमिश्नर तक भी पहुंचाई है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में हुसैन ने कहा, “सरकार भारत से शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने की मांग कर सकती है। हसीना के खिलाफ बहुत सारे मुकदमे दर्ज हैं। ऐसे में अगर गृह मंत्रालय उन्हें लाने का फैसला करता है तो इसकी मांग की जाएगी। यह भारत के लिए भी शर्मिंदा करने वाले स्थिति पैदा कर सकता है। मुझे लगता है कि भारत सरकार यह जानती है और वे सही कदम उठाएंगे।” पूरी खबर यहां पढ़ें…
भारत में हसीना के सिर्फ 20 दिन बचे:पासपोर्ट रद्द, हत्या के 63 मामले दर्ज, बांग्लादेश ने वापसी की मांग की तो क्या करेगा भारत
तारीख- 5 अगस्त 2024, समय- दोपहर के करीब 1 बजे। बांग्लादेश में हिंसा के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना अपनी बहन रेहाना के साथ कार में बैठकर PM आवास छोड़ देती हैं। वे C-130 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से शाम करीब 5 बजे भारत के हिंडन एयरबेस पहुंचती हैं।
दूसरी तरफ बांग्लादेश में राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन संसद भंग कर देते हैं। इसके बाद देश में अंतरिम सरकार का गठन होता है। हसीना के देश छोड़ने के 8 दिन बाद 13 अगस्त को उनके खिलाफ हत्या का पहला केस दर्ज होता है। इसके बाद एक-एक करके हसीना पर 76 केस दर्ज किए गए, जिनमें 63 मामले सिर्फ हत्या से जुड़े हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…