क्रिमलन हाऊस के प्रवक्ता दिमेत्री पेस्कोफ़ का कहना है कि रूस केवल उसी समय परमाणु हथियारों का प्रयोग करेगा जब उसका अस्तित्व ही ख़तरे में हो जाए।
उन्होंने सीएनएन से बात करते हुए कहा कि अगर हमारे देश के अस्तित्व को लेकर कोई ख़तरा हुआ तो हम हालात को देखते हुए परमाणु शस्त्रागारों का प्रयोग करेंगे।
क्रिमलन हाऊस के प्रवक्ता का यह बयान एसी हालत में सामने आया है कि इससे पहले पश्चिम ने चिंता जताई थी कि रूस और यूक्रेन के बीच वर्तमान जंग परमाणु जंग में न बदल जाए।
यह चिंता उस समय शुरु हुई जब रूस के राष्ट्रपति विलादीमीर पुतीन ने यूक्रेन जंग के आरंभिक दिनों में रूस की रणनैतिक एटमी फ़ोर्स को अलर्ट करने का आदेश दिया था। राष्ट्रपति पुतीन ने 27 फ़रवरी को यूक्रेन पर सैन्य चढ़ाई के तीन तीन बाद ही देश के रक्षामंत्री से मुलाक़ात में यह आदेश दिया था। इससे पहले कांग्रेस के लिए अपनी ताज़ा रिपोर्ट में पेन्टागन ने कहा था कि रूस के राष्ट्रपति विलादीमीर पुतीन, यूक्रेन में प्रतिरोध के जारी रहने और रूस की सैन्य शक्ति के कमज़ोर होने की स्थिति में संभव है कि पश्चिम को परमाणु हथियार के प्रयोग की धमकी दे दें।
क्रिमलन हाऊस के प्रवक्ता का यह बयान रूस का सरकारी दृष्टिकोण समझा जा सकता है। मास्को दूसरे देशों को यह विश्वास दिलाना चाहता है कि वह किसी के भी ख़िलाफ़ परमाणु हथियार प्रयोग नहीं करेगा लेकिन जब रूस का वजूद ही ख़तरे में पड़ जाएगा तो वह हथियार के प्रयोग पर मजबूर हो जाएगा।
ऐसा लगता है कि यह गैरेंटी भी पश्चिम की चिंताओं को ज़्यादा दूर करने में सफल नहीं हो सकी विशेषकर अमरीका की चिंता जो रूस की ओर से दुनिया की सुरक्षा को ख़तरे में डालने के बारे में अपने मनोवैज्ञानिक युद्ध को जारी रखे हुए है।
बहरहाल यूक्रेन की जंग के लिए अमरीका और उसके पश्चिम देशों को ही ज़िम्मेदार समझा जा रहा है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टीकाकारों का यह ख़याल है कि यूक्रेन को जंग की आग में झोंकने का ज़िम्मेदार अमरीका और पश्चिमी देश हैं। (AK)