Amroha: जातिवाद, परिवारवाद के खिलाफ और सबके लिए समान अधिकार के लिए बात करने वाले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर आरोप लग रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं ने उन्हें एक तरफा वोट दिए लेकिन जब बात एमएलसी बनाने की आई तो उन्होंने पूरी तरह जातिवाद कर दिया। 18 में से 16 उम्मीदवार यादव है। बसपा ने भी इस पर चुटकी ली है, कहा है कि मुस्लिम मतदाता वोट देते रहेंगे और समाजवादी पार्टी यादवों को आगे बढ़ाती रहेगी।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि उत्तर प्रदेश में मुस्लिम मतदाताओं ने अखिलेश पर पूरा भरोसा किया और एकतरफा वोट दिए हैं, लेकिन अखिलेश यादव उन्हें प्रतिनिधित्व नहीं दे पा रहे हैं। यदि मुस्लिम मतदाता सपा से खिसक गया तो सपा की हालत भी बसपा की तरह ही हो जाएगी
भाजपा दावा करती है कि मुस्लिम महिलाओं ने हमें वोट दिया है। यह बात सुनकर सेक्यूलर कहने वाली पार्टियां भाजपा को घेर लेती हैं।
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सपा, बसपा या कांग्रेस ने ही क्या मुस्लिम मतदाताओं पर पेटेंट करा लिया है। भाजपा को वोट क्यों नहीं दे सकते जेवर विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं ने सपा-आरएलडी गठबंधन को नकार भाजपा को ही वोट दिया। ईवीएम खुलने के बाद यह सच सामने आया है। राजनीतिक जानकार यह भी कहते हैं कि मुसलमानों को केवल भाजपा का डर दिखाकर सपा, बसपा और कांग्रेस जैसे दल मुसलमानों का वोट बटोरत हैं। मगर जब उनके विकास और प्रतिनिधित्व की बात होती है तो यह दल कोसों दूर नजर आते हैं। यदि वाकई सच्चे हितेषी बनना चाहती हैं तो तो मुस्लिम समाज के उद्धार के लिए काम क्यों नहीं करते।
वोट मुसलमानों ने दिया, अखिलेश ने एमएलसी प्रत्याशी यादवों को बनाया, आखिर क्यों भाजपा में न जाएं मुस्लिम मतदाता
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