ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने कहा है कि परमाणु वार्ता में काम एक प्रकार से सही से आगे बढ़ रहा है और वार्ताकार टीम राष्ट्रपति, सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और दूसरों को वार्ता से अवगत कराते और निर्णय लेते हैं।
इसी प्रकार इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने कहा कि अधिकारियों व ज़िम्मेदारों को परमाणु वार्ता के नतीजे की प्रतीक्षा में बिल्कुल न रहें और देश की वास्तविकताओं के आधार पर कार्यक्रम बनायें और कठिनाइयों व समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास करें।
उन्होंने अनुचित मांग के मुकाबले में परमाणु वार्ताकार टीम के प्रतिरोध पर प्रसन्नता जताते हुए कहाः सामने वाला अपने वचनों के प्रति कटिबद्ध नहीं रहा और परमाणु समझौते से निकल गया और अब वह बंद गली में रह जाने का एहसास कर रहा है परंतु इस्लामी व्यवस्था लोगों की मदद से बहुत सी कठिनाइयों व समस्याओं को पार कर चुकी है और इसे भी पार कर जायेगी।
12 अप्रैल को ईरान की इस्लामी व्यवस्था के उच्चाधिकारियों और ज़िम्मेदारों ने सर्वोच्च नेता से मुलाकात की जिसमें उन्होंने यह बातें कहीं।
समाचार एजेन्सी तसनीम की रिपोर्ट के अनुसार सर्वोच्च नेता ने इस मुलाकात में कहा कि निश्चितरूप से देश की समस्त समस्याओं और मामलों का समाधान हो सकता है और इस्लामी गणतंत्र ईरान की शक्ति और विभिन्न क्षेत्रों में उसकी उपलब्धियों ने देश को राष्ट्रों के लिए आकर्षक आदर्श में परिवर्तित कर दिया है और लोगों को निराश करना और उनके अंदर बंद गली में पहुंच जाने की भावना उत्पन्न करना लोगों और क्रांति के साथ अन्याय है।
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने फिलिस्तीनी युवाओं की जागरुकता और गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन गतिविधियों व कार्यवाहियों ने दर्शा दिया कि अमेरिका और उसके अनुसरणकर्ताओं के प्रयासों के विपरीत फिलिस्तीन ज़िन्दा है और ईश्वर की कृपा से अंतिम विजय फिलिस्तीनी जनता की होगी। उन्होंने कहा कि दुनिया की राजनीतिक व्यवस्था में अधिकारी व ज़िम्मेदार लोगों के प्रति जवाबदेह होते हैं परंतु इस्लामी व्यवस्था में अधिकारी व ज़िम्मेदार लोगों के प्रति जवाबदेह होने के अलावा ईश्वर के प्रति भी महत्वपूर्ण और सख्त जवाबदेह हैं।
ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली खामनेई ने 6 प्रकार का कोरोना का टीका बनाने, विदेशी ऋण का तकरीबन शून्य के बराबर होना, वैज्ञानिक, औद्योगिक और तकनीक जैसे कुछ क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को सफलता का चिन्ह बताया और कहा कि इन उपलब्धियों और क्षेत्र में ईरान की गहरी अध्यात्मिक पकड़ ने उसे एक आकर्षक उदाहरण में परिवर्तित कर रखा है।
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने कहा कि दुश्मन अपने लोभ की वजह से निराशाजनक बातें करता है और पहले भी इस प्रकार की बातें बयान की जाती थीं परंतु बाद में उन सबका ग़लत होना सिद्ध हो गया जैसे ईरान पर इराक द्वारा हमले के आरंभ करने के समय सद्दाम की बातें और एक सप्ताह के भीतर तेहरान पर कब्ज़ा कर लेने की बातें और या कुछ साल पहले एक अमेरिकी जोकर की बातें कि उसने कहा था कि इस साल के क्रीसमस का जश्न तेहरान में मनायेंगे।
इसी प्रकार इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने बल देकर कहा कि घमंडी अमेरिकी अब खुलकर और स्पष्ट शब्दों में स्वीकार कर रहे हैं कि ईरान के खिलाफ अधिकतम दबाव की नीति अपमानजनक ढंग से नाकाम हो गयी है और यह महत्वपूर्ण विषय है कि इसे नहीं भूलाया जाना चाहिये। उन्होंने आम लोगों की तरह होने और सामान्य लोगों की तरह रह जाने को इस्लामी व्यवस्था के हर ज़िम्मेदार व अधिकारी की आवश्यक विशेषता बताया और कहा कि कभी सामान्य लोग ज़िम्मेदार से एसे बिन्दुओं को कहते हैं कि दक्ष ज़िम्मेदार के सलाहकार और उसके निकटवर्ती लोगों से भी सुनाई नहीं देते हैं।
इसी प्रकार इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने यमन की मज़लूम जनता की बहादुरी की प्रशंसा की और सऊदी अधिकारियों को नसीहत करते हुए कहा कि क्यों उस जंग को जारी रखे हुए हो जिसमें जानते हो कि जीत की संभावना नहीं है? एसा रास्ता ढूंढ़ो कि इस युद्ध से निकल जाओ। उन्होंने यमन में होने वाले हालिया युद्ध विराम को बहुत अच्छा बताया और कहा कि अगर इस युद्ध विराम को सही अर्थों में लागू किया जाये तो इसे जारी रखा जा सकता है और निःसंदेह यमन के लोग अपने साहसिक प्रयासों और अपने नेताओं के मार्गदर्शन की छत्रछाया में विजयी हैं और महान ईश्वर भी यमन के मज़लूम लोगों की सहायता करेगा। MM