भारतीय स्टेट बैंक 1 अप्रैल से बचत बैंक खातों में मासिक औसत बैलेंस कम होने पर ग्राहकों से फिर से शुल्क वसूलना शुरू करेगा। बैंक ने अपना ग्राहक आधार बढ़ाने के लिए जुलाई 2012 में इस शुल्क को समाप्त कर दिया था।
जुर्माना आवश्यक न्यूनतम बैलेंस और कमी के अंतर पर आधारित होगा। जानकारी के मुताबिक एसबीआई ने तय किया है कि महानगरों में बैंक अकाऊंट रखने वालों को 5000 रुपए मिनिमम बैलेंस रखना होगा। शहरी क्षेत्रों में यह सीमा 3 हजार रुपए, सेमी अरबन क्षेत्र 2 हजार रुपए और गांव की शाखाओं में बैंक खाता रखने वालों को 1 हजार रुपए मिनिमम बैलेंस रखना होगा। एक अप्रैल से ऐसा नहीं करने वालों पर पेनल्टी लगाई जाएगी। एसबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बैंक के मौजूदा समय में लगभग 25 करोड़ बचत खाते हैं। बैंक ने नोटबंदी के बाद से बड़ी तादाद में खाते खोले हैं। इन खातों में शून्य जमा वाले खाते भी शामिल हैं। इन खातों का प्रबंधन करने पर खर्च आता है। इस कदम का मकसद सस्ती जमाओं को आकर्षित करना भी था, क्योंकि बचत खाते पर ब्याज महज 4 फीसदी है।