मध्य प्रदेश। शिक्षकों का काम होता है लोगों को शिक्षा देना। लेकिन मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में शिक्षकों से पढ़ाने के अलावे कुछ और ही काम कराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सोमवार को राज्य सरकार द्वारा आयोजित सामूहिक शादी समारोह में सरकारी स्कूल के 400 शिक्षकों को ‘वेटर’ के तौर पर काम कराया गया। यहां हो रही शाही सरकारी शादी में जहां एक ओर दस करोड़ से ज्यादा की रकम खर्च कर 2700 जोड़ों की शादी करवाई जा रही है. वहीं, प्रशासन ने इस शादी में पहुंचने वाले एक लाख से ज्यादा बारातियों को भोजन परोसने के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी है।
आपको बता दें कि यह वाकया सिंगरौली जिले में हुए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना कार्यक्रम के तहत हुआ। शिक्षकों के विरोध के चलते उन्हें सीएम शिवराज सिंह चौहान के आने से ठीक पहले ही वहां से हटा दिया गया। बताया जा रहा है कि जिले भर के लगभग चार हजार शिक्षकों की ड्यूटी बारातियों को खाना खिलाने और खाना परोसने में लगाई गई है।
वहीं इस मामले में एक शिक्षक ने कहा, ‘जब हमें ऐसा करने का आदेश मिले, तो फिर हम क्या कर सकते हैं। यह काम करना के अलावा हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। हमसे किसी कार्यक्रम में खाना परोसने को पहली बार कहा गया है।’
बता दें कि शिक्षकों में इस बात को लेकर नाराजगी है। उनका कहना है कि प्रशासन शिक्षण कार्य के अलावा उनसे सभी काम करवाता है। शिक्षकों के अनुसार, कभी स्वछता अभियान के तहत सुबह से सीटी बजाने में उनकी ड्यूटी लगती है तो कहीं खाना परोसने में उनकी ड्यूटी लगा दी जाती है। शिक्षक इस बात का खुलकर विरोध भी नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उन्हें नौकरी जाने का भी खतरा है। कुछ शिक्षकों ने तो यहां तक कह दिया कि प्रशासन जो चाहे सो करवा सकता है।
इस मामले पर शिक्षक अध्यापक संघ के जिला यूनिट के पदाधिकारी नीरज द्विवेदी ने कहा, ‘मैं अभी बाहर हूं, लेकिन मुझे इस घटना के बारे में पता चला। यह शिक्षकों के सम्मान के साथ खिलवाड़ है। ऐसा आदेश देने से पहले अधिकारियों को दो बार सोचना चाहिए। इस पर ऐक्शन लिया जाएगा।’