जालंधर (खुराना): आरक्षण के मामले में पिछले कई दशकों से अन्याय का शिकार हो रहे रजक धोबी समाज द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में 10 मार्च को विशाल शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा ताकि केन्द्र सरकार पर अपनी मांगें मनवाने का जोर डाला जा सके।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु 20 जनवरी को कन्याकुमारी से एक रथयात्रा अखिल भारतीय धोबी महासमाज द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बाला जी शिंदे के नेतृत्व में शुरू की गई थी, जो आज कई प्रदेशों से होते हुए जालंधर पहुंची। जहां कन्नौजिया महासभा पंजाब के पदाधिकारियों ने रथयात्रा के साथ आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया। इस अवसर पर बसवा माचीदेवा स्वामी चित्रदुर्गा (कर्नाटका) संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष रजिंद्र पवार, उपाध्यक्ष जे. इंजीरप्पा भी रथयात्रा के साथ आए।
प्रधान बाला जी शिंदे ने बताया कि बाबा साहिब अम्बेदकर ने संविधान की रचना के बाद भारत सरकार को जो दलितों की सूची सौंपी उसमें रजक धोबी समाज का नाम तीसरे स्थान पर था, परंतु आज देश के 18 राज्यों में इस समाज को एस.सी.कैटेगिरी जबकि अन्य 12 राज्यों में बी.सी./ओ.बी. कैटेगिरी में डाला गया है। इस अन्याय को दूर करने हेतु 1960-70 से प्रयास चल रहे हैं परंतु अभी तक सरकारों ने इसे दूर नहीं किया। अगर शक्ति प्रदर्शन के बाद भी केन्द्र सरकार ने इस ओर ध्यान न दिया तो राष्ट्रीय स्तर पर मोदी सरकार का विरोध शुरू कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में तीन जिलों में धोबी समाज एस.सी.जबकि बाकी सभी जिलों में ओ.बी.सी.कैटेगिरी में गिना जा रहा है। इसी तरह तमिलनाडु में कन्याकुमारी जिले तथा एक अन्य जिले की तहसील में इन्हें एस.सी. कैटेगिरी में माना गया है। महाराष्ट्र में जब भाषा संबंधी आंदोलन चला तो राज्य बदलने के साथ-साथ धोबी समाज का स्टेट्स भी बदल दिया गया। इसी अन्याय का विरोध अब राष्ट्रीय स्तर पर शुरू हो गया है। रथयात्रा का समापन 28 फरवरी को कुरुक्षेत्र में किया जाएगा। इस अवसर पर कन्नौजिया महासभा पंजाब के प्रधान रवि कन्नौजिया, चेयरमैन प्रमोद कन्नौजिया, संदीप कन्नौजिया, दीपक, दिवाकर, राज कुमार, रमेश,संतोष, राकेश, राहुल, नन्ना, संतोष माथुर, राजिंद्र माथुर, अजय, दिलीप, राजू तथा राम श्याम और रामूकैंट से उपस्थित थे।