Sunday, September 24, 2023
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नोटबंदी का विकास दर पर असर नहीं, जीडीपी 7 फीसदी

केन्द्रीय सांख्यकि (सीएसओ) विभाग ने मंगलवार को जीडीपी के नए आंकड़े जारी किए. चालू वित्त वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही के दौरान विकास दर 7 फीसदी रही. वहीं अगले वित्त वर्ष 2018 में यह आंकड़ा 7.3 रह सकता है और 2019 के दौरान यह आंकड़ा 7.7 फीसदी रह सकता है|

विकास दर के यह नए आंकड़े 8 नवंबर 2016 को लागू नोटबंदी के असर को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए हैं. इससे पहले रिजर्व बैंक ने संभावना जताई थी कि नोटबंदी के असर से विकास दर गिरकर 6.9 फीसदी और 6.5 फीसदी रह सकती है. वहीं आईएमएफ ने विकास दर 6.6 फीसदी रहने का आंकलन किया था|

 गौरतलब है कि सीएसओ के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी का 7.1 फीसदी का आंकलन किया गया था. जिसके बाद वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) तक 7.2 फीसदी जीडीपी ग्रोथ दर्ज की गई थी. वहीं दूसरी तिमाही (जुलाई-सिंतबर) के दौरान विकास दर 7.4 फीसदी रही.

वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही(अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान केन्द्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया था. जिसके बाद केन्द्रीय रिजर्व बैंक समेत कई अंतरराष्ट्रीय वित्तीय एजेंसियों ने विकास दर के अपने आंकलन में गिरावट की संभावना जताई थी.

केन्द्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक नोटबंदी की तिमाही में विकास दर 7 फीसदी रही.

लक्ष्य से अधिक घाटा-
इससे पहले केन्द्र सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे का आंकड़ा जारी किया. मौजूदा वित्त वर्ष की अप्रैल से जनवरी तक की तीन तिमाही के दौरान यह घाटा 5.64 लाख करोड़ रहा. यह वित्त वर्ष 2017 के टार्गेट का लगभग 105.7 फीसदी अधिक.

अनुमान का 73 फीसदी आय-
वहीं सरकार को अप्रैल से जनवरी तक कुल रेवेन्यू 10.09 लाख करोड रुपये रहा. यह वित्त वर्ष 2017 के टार्गेट का 73.3 फीसदी अधिक है.

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