नई दिल्ली। कुछ दिन पहले आरएसएस के स्वास्थ्य विंग ‘आरोग्य भारती’ ने गर्भ विज्ञान संस्कार परियोजना के तहत बताया था कि एक आदर्श बच्चा पैदा करने के लिए महिला के लिए क्या आवश्यक है। आरोग्य भारती ने बताया था कि माता-पिता का तीन महीने का शुद्धिकरण, ग्रहों के मुताबिक संभोग, गर्भवती हो जाने के बाद पूरी तरह से परहेज और प्रक्रियात्मक व सही भोजन का पालन करने से गोरा बच्चा पैदा होगा। एक महिला को उत्तम संताती यानी एक परफेक्ट संतान पाने के लिए इन नियमों का पालन करना होगा।
अब इसी के तहत मोदी सरकार बता रहा है कि स्वस्थ बच्चा पैदा करने के लिए गर्भवती महिलाओं को किन-किन चीजों से दूर रहा जाए जिससे उनका स्वास्थ्य सही रहेगा। मोदी सरकार के आयुष मंत्रालय ने कहा है कि गर्भधारण के बाद महिलाओं को सेक्स नहीं करना चाहिए। उन्हें मीट आदि मांसाहार से भी दूरी बनाए रखनी चाहिए। साथ ही इस दरमियान मन में हमेशा धार्मिक विचार बनाए रखें। आयुष मंत्रालय ने मदर एंड चाइल्ड केयर नामक बुकलेट में ये सलाह दी है।
मंत्रालय ने यह भी सलाह दी है कि ऐसे समय में महिलाओं को अपने कमरे में स्वस्थ बच्चे की खूबसूरत तस्वीरें लगानी चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक इस मंत्रालय के आयुष प्रीस्क्रिप्सन में हर साल 26 मिलियन बच्चे जन्म लेते हैं। खबर के मुताबिक, आयुष राज्य मंत्री ने हाल में ही इस बुकलेट को रिलीज किया था।
हालांकि डॉक्टर इस सलाह को बेकार बता रहे हैं। डॉक्टर कहते हैं कि अक्सर गर्भवती महिलाएं को प्रोटीन डेफिशिएंसी होती है। वे एनिमिक भी होती हैं। ऐसे में मीट उनके लिए प्रोटीन और आयरन का बेहतर स्त्रोत है। वहीं, सेक्स पर विशेषज्ञों की राय है कि अगर प्रेगनेंसी नॉर्मल है तो ऐसे समय में सेक्स किए जाने से कोई परेशान नहीं होती।