नई दिल्ली। यूपी विधानसभा चुनाव के बाद से ही बीएसपी सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश के एक साथ आने का अनुमान लगाया गया था। अब खबर आ रही है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के लंच के आमंत्रण पर बीजेपी-विरोधी पार्टियों संग आ चुके अखिलेश यादव और मायावती पहली बार एक साथ रैली कर सकते हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस संयुक्त रैली का आइडिया लंच समारोह के दौरान उस वक्त आया था, जब आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अखिलेश और मायावती से एक साथ आने का अनुरोध किया था।
बीते शुक्रवार यानि 26 मई को सोनिया गांधी की अगुआई में हुए लंच के दौरान मीटिंग में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बीजेपी-विरोधी पार्टियों का गठबंधन बनाने के लिए दोनों नेताओं को एक साथ आने को कहा था। समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने पुष्टि की कि लंच में सभी बीजेपी-विरोधी पार्टियों ने साझा रैलियां करने पर सहमति जताई। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी का सामना करने के लिए एक संयुक्त विपक्ष मौजूदा वक्त की जरूरत है।’
अग्रवाल ने कहा कि आगामी 27 अगस्त को लालू यादव की पटना के गांधी मैदान में होने वाली रैली के बाद उत्तर प्रदेश में एक रैली आयोजित की जाएगी। एक सूत्र ने बताया कि मायावती ने अन्य पार्टियों के लोगों से कहा, ‘मैं सौ प्रतिशत आपके साथ हूं।’
मायावती और अखिलेश की साझा रैली 2019 के आम चुनाव के मद्देनजर बीजेपी के खिलाफ गठबंधन की संभावना को प्रोत्साहित कर सकती है। खबर के मुताबिक, लालू यादव और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी कुछ समय से मायावती और अखिलेश को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं।
शुक्रवार को लालू ने यूपी के संदर्भ में एकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर सपा, बसपा और कांग्रेस साथ आ जाएं तो लोकसभा में 70 सीटें जीत सकती हैं। बता दें कि साल 1993 के बाद कभी बसपा और सपा साथ नहीं आईं। इससे पहले उन्होंने साथ में विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें जीत मिली थी।