फरीदाबाद। पूरी दुनिया में आज रमज़ान के आख़िरी जुमे को अल कुद्स दिवस मानाया गया। अल कुद्स दिवस के मौक़े पर फरीदाबाद के मुसलमानों ने मस्जिद अल अक्सा और फलस्तीन को नापाक इस्राइल के क़ब्ज़े से छुड़ाने का संकल्प लिया। हर घर मे लोगों ने अलविदा की नमाज़ के साथ हर मजलूम और दबे कुचले लोगों के हक़ में विशेष दुआ की। अल कुद्स दिवस मनाने का निर्देश इस्लामिक क्रांति के जनक आयतुल्लाह खुमैनी साहब ने दिया था। तब से इसे पूरी दुनिया में मुसलमान इसे मनाते आ रहे हैं।
इस मौक़े पर तमाम मुसलमानों के लिए आयोजित एक ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में तंजीमुल मोमनीन के अध्यक्ष नकी ज़ैदी ने कहा कि मस्जिद अल अक्सा क़ाबा से भी पहले बनाई गई। जिसमें हम सब के प्यारे नबी रसूल अल्लाह नमाज़ पढ़ते थे। लेकिन इस्राइल ने साम्राज्यवादी ताक़तों के साथ साज़िश कर 72 साल पहले क़ब्ज़ा कर लिया था। उसी समय इस्राइल ने हमारे फ़लस्तीनी भाइयों पर दमनचक्र शुरू किया था जो आज तक जारी है।
तंजीमुल मोमनीन के महासचिव आई एच जाफ़री ने कहा कि आयतुल्लाह खुमैनी साहब ने कहा था कि फलस्तीन समेत दुनिया में जहाँ कहीं भी मजलूमों पर ज़ुल्म हो, सभी अमन और इंसाफ पसंद लोगो को उनके साथ खड़े होना है। हम आज उसी संकल्प को फिर से दोहरा रहे हैं कि हर मजलूम के साथ यह समुदाय खड़ा है। हमारे लिए मानवता सबसे पहले है।
तंजीमुल मोमनीन के प्रवक्ता आज़ाद हसनैन जैदी ने समुदाय के लोगों से अपील की है कि वे सरकार के लॉकडाउन आदेशों का पालन करते हुए ईद की नमाज़ घरों में ही पढ़ें। बाज़ारों में भी न निकलें। अल्लाह की इबादत में वक्त गुज़ारें।