Thursday, November 30, 2023
No menu items!
Homeविदेशअमेरिका और दाइश के बीच सम्बन्धो का पर्दाफाश V.o.H News

अमेरिका और दाइश के बीच सम्बन्धो का पर्दाफाश V.o.H News

दाइश सहित महत्वपूर्ण आतंकवादी गुट स्वयं अमेरिकी उपज हैं।

यमन में आतंकवादी गुट अलकायदा ने स्वीकार किया है कि अमेरिकी समर्थन में काम करने वाले रंगरूट उसके साथ सहकारिता कर रहे हैं। दाइश की इस स्वीकारोक्ति से गुप्त और खुल्लम खुल्ला रूप से आतंकवादी गुटों के साथ अमेरिकी सहयोग पर एक बार फिर ध्यान केन्द्रित हो गया है।

इसी संबंध में यमन में अलकायदा के सरगना कासिम अर्रीमी ने कहा है कि इस गुट के तत्व अमेरिका समर्थित यमन पर हमला करने वाले सऊदी एजेन्टों के साथ सहकारिता कर रहे हैं। जायोनी समाचार पत्र “टाइम्स” के अनुसार कासिम अर्रीमी की अगुवाई में दाइश की शाखा को सबसे खतरनाक आतंकवादी गुट बताया गया है।

 

कासिम अर्रीमी ने सहकारिता के प्रकार की ओर कोई संकेत नहीं किया परंतु उसने अलकायदा को यमन के अपदस्थ राष्ट्रपति मंसूर हादी और यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन के विरुद्ध लड़ाई में सऊदी अरब और संयुक्त अरब का घटक बताया।

 

अमेरिका ऐसी स्थिति में आतंकवाद से मुकाबले का दावा कर रहा है जब मौजूद विभिन्न प्रमाणों से यह सिद्ध होता है कि दाइश सहित महत्वपूर्ण आतंकवादी गुट स्वयं अमेरिकी उपज हैं। अमेरिका की पूर्व विदेशमंत्री हिलैरी क्लिंटन ने “हार्ड च्वाइज़” शीर्षक के अंतर्गत किताब में स्वीकार किया है कि हमने दाइश को बनाया है।

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप ने भी चुनाव प्रचार के दौरान बारमबार हिलैरी क्लिंटन और बराक ओबामा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने दाइश को बनाने में सीधी भूमिका निभाई है। यह आरोप ऐसी स्थिति में लगाये जा रहे हैं जब ट्रंप के सत्ताकाल में अमेरिका और दाइश के मध्य होने वाली सहकारिता न केवल कम नहीं हुई है बल्कि विस्तृत रूप धारण कर गयी है।

 

वास्तव में अमेरिका मध्यपूर्व सहित विश्व के विभिन्न क्षेत्रों के परिवर्तनों को अपने हित में नहीं देख रहा है। अलबत्ता मध्यपूर्व के अशांत रहने की स्थिति में ही जायोनी शासन के अधिकारों की पूर्ति अधिक अच्छी तरह होती है।

 

इस आधार पर अमेरिका मध्यपूर्व के परिवर्तनों को अपने हाथ में लेना चाहता है ताकि वह उन हितों को साध सके जिन्हें मध्यपूर्व की अशांत स्थिति में ही साधा जा सकता है और दाइश तथा तकफीरी गुटों ने विशेषकर इराक, सीरिया और लीबिया में अमेरिकी नीतियों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और यह वह वास्तविकता है जिसे स्वयं सांकेतिक रूप से आतंकवादी गुटों ने भी स्वीकार किया है। MM

 

 

 

साभार: पारस टुडे 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments