दिल्ली(अली आब्दी अमरोहवी): भारतीय राजधानी दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में गत रात्रि गज़ल की एक शाम बज़में सुख़न शीषृक से इंडिया हेरीटेज वा हेल्थ केयर सेंटर के तत्वाधान आयोजित की गयी,जिसमें बड़ी संख्या में दिल्ली व आसपास क्षेत्रों के गजल प्रेमियों ने हिस्सा लिया और उर्दू गज़ल गायकी का मज़ा लिया,
कार्यक्रम मे विशेष रूप से प्रख्यात गज़ल गायिका अनीता सिंघवी ने मिर्जा गालिब, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़, जोश मलीहाबादी, मीर दर्द, दाग़ देहलवी,जिगर मुरादाबादी,जॉन एलिया का कलाम अपनी खूबसूरत अवाज़ मे पेश किया जिसको बज़मे सुख़न मे उपस्थित लोगों ने बहुत पसंद किया।इस गज़ल की महफ़िल में बड़ी संख्या में ऐसे लोग उपस्थित थे जो उर्दू पढ़ना लिखना व बोलना तो नहीं जानते लेकिन उर्दू जबान की चाशनी और उसकी लज्ज़त को महसूस ज़रूर करते हैं,जिन्होंने मल्लिका ए तरन्नुम अनीता संघवी द्वारा पेश की गई गज़लों को न सिफृ सुना बल्कि उस पर दादो तहसीन भी पेश की और उनकी सराहना करते हुए तालियों के जरिए अपनी मोहब्बत का इजहार किया।इससे पूर्व उर्दू शायरी के प्रख्यात नाम डॉ मंसूर उस्मानी ने उर्दू गजल पर विचार रखते हुए बताया कि उर्दू हिंदुस्तानी जबान है और यह जुबान हर दौर मे लोगों के दिलों की जबान रही है , साथ साथ अगर इसको हम अपने इजहार ए प्यार की जुबान भी कहें तो यह गलत ना होगा क्योंकि उर्दू गजल ने हमेशा दिलों को जोड़ा है। कार्यक्रम में महाराजा महाराजा करण सिंह व श्री फारुख अब्दुल्ला ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम को प्रारंभ किया,जिसके बाद सबसे पहले अनीता सिंघवी ने मिर्जा गालिब की गज़ल से कार्यक्रम का शुभारंभ किया बाद में उन्होंने “वह हमसफ़र था मगर उसने हमनावाई ना की” कलाम पेश किया जिस पर चारों तरफ से तालियों की गड़गड़ाहट महसूस की गई श्रोताओं के कहने पर अनीता सिंघवी ने अंत में दमा दम मस्त कलंदर नाम से सूफियाना कलाम भी पेश किया जिस को भी बहुत पसंद किया गया। आयोजकों की ओर से नवाब सययद नकवी ने सभी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि जल्द ही इंडिया हैरिटेज सेंटर अनीता संघवी के साथ सूफियाना शाम का आयोजन करेगा इस अवसर पर जस्टिस इंदिरा बैनर्जी जस्टिस मनमोहन सिंह, जस्टिस मिडडा, मेंबर ऑफ पार्लिमेंट सरदार प्रताप सिंह बाजवा, सजय सिह, डॉक्टर अभिषेक मनु सिंघवी, नवाब सईद नकवी,बेगम फरूख नाज़, कर आयुक्त जववाद अबिदी, कर आयुक्त कमशनर नजीब अशरफ चौधरी, कमाल अमरोहवी, पूर्व चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी, ठाकुर अमर सिंह, प्रोफेसर शाहिद मेहदी, मेहदी बापू व अन्य गणमान्य लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।