नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट ने नोटबंदी के बाद आज एक और ऐतिहासिक फैसला लेते हुए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को खत्म कर दिया है। अब इसकी जगह एक नया आयोग बनाया जाएगा। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद अब इसके लिए नेशनलकमीशन फॉर सोशल एंड एजुकेशनली बैकवर्ड क्लासेस (NSEBC) का गठन होगा। देश में ओबीसी कैटेगरी के लिए भी एससी-एसटी कमीशन के जैसेही NSEBC का गठन किया जाएगा। NSEBC एक संवैधानिक संस्था होगी।जिसके लिए ओबीसी सूची में नई जाति का नाम जोड़ने अथवा हटाने के लिए संसद की मंजूरी जरूरी होगी।
सरकारी नौकरियों पर पड़ेगा बड़ा असर – आपको बता दें कि मोदी सरकार ने यह फैसला जाट आरक्षण समेत देश में ओबीसी आरक्षण की अन्य मांगों को ध्यान में रखते हुए लिया है। मोदी सरकार के इस फैसले से ऐसामाना जा रहा है कि देश की तमाम जाति आधारित नौकरियों से लेकर बाकी कई सुविधाओं में फर्क पड़ेगा। मोदी सरकार के फैसले के तहत संविधान में संशोधन कर पिछड़ा वर्ग आयोग की जगह नए आयोगका गठन किया जाएगा। केंद्र सरकार के मुताबिक सामाजिक शैक्षिक तौर पर पिछड़ों की नई परिभाषा बनाई जाएगी। मोदी सरकार ने यह फैसला पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण की बढ़ती मांग को देखते हुए किया है।
अब मोदी सरकार नहीं संसद देगी जाट और पटेल आरक्षण – मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले से देश की तमाम जाति आधारित नौकरियों पर व्यापक फर्क पड़ेगा। कैबिनेट के फैसले के मुताबिक सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों के लिए राष्ट्रीय कमीशन का गठन किया जाएगा। जिसके लिए संविधान में संशोधन कर अनुच्छेद 338B जोड़ा जाएगा। देश के अलग-अलग राज्यों में कई जातियां आरक्षण की मांग कर रही हैं, यही वजह है कि सरकार ने इस तरह का कड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के लागू होने के बाद आरक्षण देने का अधिकार अब संसद हो होगा।