V.o.H News:
नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में करीब पांच साल से जेल में बंद आसाराम पर जोधपुर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने उसे दोषी करार दिया है। गिरफ्तारी से फैसले के बीच लगभग पूरा समय आसाराम जेल में ही रहा। इस बीच जमानत के लिए तमाम जुगत भिड़ाए, पर बड़े से बड़ा वकील भी बेल नहीं दिलवा सका।
आसाराम ने कोर्ट में वकीलों की फौज खड़ी कर रखी थी। उसने राम जेठमलानी, सलमान खुर्शीद और सुब्रमण्यम स्वामी जैसे दिग्गज वकीलों की सेवाएं लीं, पर कोर्ट के आगे इनमें से किसी की दलील नहीं चली। देश के सबसे महंगे वकीलों में शुमार सुब्रमण्यम स्वामी ने भी साल 2015 में इस वादे के साथ आसाराम का केस अपने हाथ में लिया कि वो अपनी दलीलों से कथित धार्मिक गुरु को जमानत दिलाने में कामयाब होंगे। स्वामी 23 मई, 2015 को आसाराम के वकील के रूप में जोधपुर कोर्ट पहुंचे। उन्होंने अपनी दलीलों के आधार पर जज से आसाराम को जमानत देने की अपील की, लेकिन वो भी कामयाब नहीं हुए। उसी साल 23 अप्रैल को स्वामी ने आसाराम से मुलाकात भी की थी। मुलाकात के बाद तब उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा था कि आसाराम की जमानत उनका बुनियादी अधिकार है।
इससे पहले कोर्ट में हर पेशी के 25 लाख रुपए लेने वाले देश के मशहूर वकील राम जेठमलानी ने भी आसाराम का केस लड़ा। तब उन्होंने आसाराम के पक्ष में दलीलें देते हुए कहा कि नाबालिग का दिमागी संतुलन ठीक नहीं है। उसे 8वीं, 9वीं और 10वीं कक्षा में अंतर नहीं पता। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, कांग्रेस प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद भी आसाराम के वकील के रूप में कोर्ट में पेश हो चुके हैं। हर पेशी के लिए करीब 10 दस लाख रुपए लेने वाले खुर्शीद के इस फैसले पर हालांकि उनकी पार्टी ने विरोध किया था। जब कांग्रेस नेता से इस मामले में सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब नहीं दिया। हालांकि, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने तब कहा था कि यह उनका निजी मामला है।
बता दें कि साल 2013 में एक नाबालिग ने आसाराम पर बलात्कार का आरोप लगाया था। तब पुलिस ने 19 जून को उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 294 सहित अन्य संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। आसाराम तभी से जेल में बंद है। इस बीच आसाराम बार-बार अपना पक्ष रखकर खुद को बेकसूर बताता रहा। यहांं तक कि खुद को नपुंसक बता कर बचने की कोशिश की, पर पोटेंसी टेस्ट में झूठ पकड़ा गया।