न एटीएम को तोड़ना न पासवर्ड हैक। महज एक पिन के सहारे राजधानी में सक्रिय गैंग एटीएम से कैश पार कर दे रहा है। पिछले एक महीने में इस गैंग ने एटीएम से करीब 20 लाख रुपये उड़ाए हैं। यह गैंग कैसे काम करता है यह सब सीसीटीवी फुटेज में कैद है। पुलिस और एसटीएफ गैंग की पड़ताल कर रही है।
एटीएम में कैश भरने वाली मुंबई की कंपनी इलेक्ट्रिक पेमेंट एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव विकास शुक्ला ने बताया कि उनकी कंपनी केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और देना बैंक के 40 एटीएम में कैश भरती है। इसमें से 22 एटीएम केनरा बैंक के हैं। पिछले दिनों केनरा बैंक के एटीएम से रुपये निकालने की जानकारी मिली तो कंपनी ने छानबीन कराई।
पता चला युवकों का एक गिरोह मात्र एक पिन की मदद से एटीएम से रुपये उड़ा रहा है। कंपनी ने पड़ताल की तो इंदिरानगर की मीना मार्केट में लगे एटीएम बूथ की सीसीटीवी फुटेज में गैंग के दो लड़के रुपये निकालते हुए नजर आ गए। विकास ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज पुलिस अधिकारियों को सौंप दी गई है।
ऐसे ब्रेक करते हैं एटीएम
शातिर बदमाश एटीएम के कार्ड स्लॉट में कार्ड डालते हैं। जैसे ही मशीन कार्ड को रीड कर आगे की प्रक्रिया शुरू करती है शातिर मशीन के ऊपर लगे बटन से उसकी स्क्रीन का हिस्सा अलग कर देते हैं। भीतर हाथ डालकर कुछ सेटिंग करने के बाद स्क्रीन वापस सेट कर दी जाती है। इसके बाद जिस जगह से रुपये निकलते हैं, वहां पिन लगा देते हैं। नोट निकलते तो हैं लेकिन बैंक खाते में रुपये निकलने की सूचना दर्ज नही होती। इस तरह से शातिरों के पास पैसा आ जाता है और बैंक को रुपये निकलने की सूचना भी नहीं पहुंचती। साइबर एक्सपर्ट इस गिरोह की कार्यशैली और बैंकों तक सूचना न पहुंचने के रहस्य को समझने की कोशिश कर रहे हैं।
इन एटीएम से निकाले गए रुपये
पुलिस ने बताया कि बदमाशों ने केनरा बैंक के एटीएम बूथ को ही निशाना बनाया है। इस बैंक के मीना मार्केट के अलावा एयरपोर्ट, पुरनिया चौराहा, इंदिरानगर, अलीगंज स्थित एटीएम बूथ सहित गोमतीनगर व राजाजीपुरम के चार-चार एटीएम मशीन से रुपये निकाले गए हैं।
नई करेंसी आने के बाद शुरू हुआ सिलसिला
गैंग ने पिन के जरिए एटीएम मशीन खोलकर रुपये निकालने का सिलसिला नई करेंसी आने के बाद शुरू किया। पुलिस को आशंका है कि रुपये निकालने वाले बदमाश किसी ऐसे शख्स से जुड़े हैं जिसने काले धन को सफेद बनाने के लिए फर्जी खाते खुलवाकर रुपये जमा कराए हैं। खाते कैसे खुले और किसने खुलवाए, इस बारे में भी पड़ताल की जा रही है।
सुबह तीन से चार बजे के बीच निकाली गई रकम
विकास शुक्ला ने बताया कि सभी एटीएम बूथ की पड़ताल की गई जिसमें खुलासा हुआ कि बदमाशों ने सुबह तीन से चार बजे के बीच रुपये निकाले। करेंसी बदलने के चलते एटीएम बूथ पर आधी रात से तड़के सुबह तक लाइन लगी रहती थी इसलिए किसी को शक नहीं होता था।
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा के खातों से निकल रहे रुपये
विकास ने बताया कि जिन बैंक खातों से रुपये निकाले जा रहे हैं वह छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और हरियाणा के हैं। कंपनी ने इन खातों की पड़ताल कराई तो खुलासा हुआ कि सभी खाते फर्जी आईडी से खुलवाए गए हैं। कंपनी ने इन खातों को ब्लॉक करने के लिए संबंधित बैंकों से संपर्क किया है। मामले की एफआईआर दर्ज कराने के लिए कंपनी के कर्मचारी संबंधित थाना गए लेकिन पुलिस ने टरका दिया। कंपनी ने साइबर सेल में भी संपर्क किया लेकिन कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद एसएसपी मंजिल सैनी और एसटीएफ के एएसपी व साइबर क्राइम सेल के नोडल अधिकारी डॉ. त्रिवेणी सिंह को मामले की जानकारी दी गई।