महावीर मंदिर के सचिव किशार कुणाल के अनुसार बाबर एक बाबर एक अच्छे और उदार सम्राट थे। उसने या उसके किसी सिपहसालार ने अयोध्या ही नहीं, कहींभी कोई मंदिर नहीं तोड़ा। किशोर कुणाल ने अपनी किताब अयोध्या रीविजिटेड में इन तथ्यों को सम्मलित किया है।
किशोर कुणाल की यह पुस्तक प्रकाशित हो गयी है। आपको बता दे कि किशोर कुणाल राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मामले में पक्षकार बने हैं। सुप्रीम कोर्ट में पक्षकार बनने के लिए याचिका प्रस्तुत करने वे गुुरुवार को नई दिल्ली गए हैं। किशोर कुणाल कहते है कि मंदिर तोड़नेमें बाबर का इसलिए आया कि ईस्ट इंडिया कंपनी के सरकारी सर्वेक्षक फ्रांसिस बुकानन को किसी ने फर्जी दस्तावेज दिया था, जिसमें इस बात का जिक्र था कि बाबर के कहने पर उसके सेनापति मीर बाकी ने अयोध्या में मंदिर गिरवाकर मस्जिद बनाई थी। जबकि सच्चाई यह है कि मीर बाकी को बायजिद के साथ लड़ाई में लखनऊ हारने के कारण बाबर ने बर्खास्त कर ताशकंदवापस भेज दिया था। इस विवाद में करीब एक सौ नई पुस्तकों दस्तावेजों को दुनिया के सामने पहली बार लाया गया है। ये दस्तावेज विवाद के निर्णय के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसलिए वे इन दस्तावेजों को उच्चतम न्यायालय के सामने प्रस्तुतकरना चाहते हैं।