नई दिल्ली। भ्रष्टाचार से अपना रिश्ता नकारने वाली बीजेपी अब भ्रष्टाचार के गोद में पकड़ी गयी है। किसानों से अरहर दाल खरीदी मामले में महाराष्ट्र बीजेपी सरकार का बड़ा घोटाला सामने आया है।
फडणवीस सरकार के राज्यमंत्री अर्जुन खोतकर और उनके परिजन द्वारा 377 क्विंटल अरहर सरकारी खरीद केंद्रों पर बेचने का मामला सामने आया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग है। दूसरी ओर, सत्ताधारी दल शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पहले ही अरहर खरीदी को बड़ा घोटाला घोषित कर चुके हैं।
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने भी इस पर सवाल उठाया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि पूरे जालना जिले में करीब 4.5 लाख टन अरहर का उत्पादन हुआ है। इसमें 1 लाख टन से अधिक अरहर की दाल केवल 800 लोगों ने बेची है। यह सबसे बड़ा घोटाला है।
दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का कहना है कि दाल को लेकर आंकड़ों में बड़ा हेरफेर किया गया है। उन्होंने कहा, “अनुमान इतना गलत कभी नहीं हो सकता। लेकिन इस बार हुआ है। कहीं न कहीं बड़ी चूक हुई है।” उन्होंने कहा कि उपज के आंकड़े बताते हैं कि साल 2015 के खरीफ पैदावार में अरहर की खेती 12.37 लाख हेक्टेयर में की गई। पैदावार 4.44 लाख टन हुई। बारिश अच्छी होने के बाद राज्य सरकार ने अनुमान लगाया कि 2016 में महाराष्ट्र में दाल की उपज करीब 12.56 लाख टन होगी।
बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस ने 17 मार्च को विधानसभा में बताया कि इस बार राज्य में अरहर की उपज 11.71 लाख टन होने का अनुमान है। उसी सत्र में 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री ने दूसरा अनुमान सदन में रखते हुए बताया कि अरहर की उपज 20.35 लाख टन होने का अनुमान है। सवाल यह है कि महज एक महीने में ऐसा कौन-सा जादू चला कि 11.71 लाख टन अरहर की पैदावार 20.35 लाख टन हो गई?