नईम अंसारी (बिजनौर): कोतवाली देहात के रहने वाले चंद्रपाल की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसके फुफरे भाई अरुण कुमार ने की थी।
अरुण कुमार ने पिछले साल सितंबर 2019 में चंद्रपाल की जमीन रामसहाय वाले के रहने वाले हरीश चंद्र को बिक़वाई थी। इस जमीन का सौदा 5 लाख रुपयों में हुआ था। जमीन बिकने के बाद चंद्रपाल रुपया लेकर अपने फुफरे भाई के साथ वापस अपनी बाइक से लौटा था।
तभी रास्ते मे नगीना में अरुण कुमार से 5 लाख रुपये की रकम कुछ समय के लिये उधार मांगी थी।काफी समय तक रुपया ना लौटाने पर चंद्रपाल अरुण को फोन कर रहा था। इन सब से छुटकारा पाने के लिये अरुण ने अपने फुफरे भाई को मौत के घाट उतारने की साजिश रची और उसको फोन करके बुलाकर अपनी बाइक से ले जाकर 21 नवंबर को नगीना के पास एक जंगल मे उसकी लाश को झाड़ियों में फेककर फरार हो गया था।
एसपी संजीव त्यागी ने इस हत्या का खुलासा करते हुए बताया कि मृतक की बेटी ने कोतवाली देहात थाने में अपने पिता की हत्या की तहरीर दी थी।जिसमे पुलिस ने पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच करते हुए आरोपी फुफरे भाई को क़त्ल के मामले में आज गिरफ्तार किया और जेल भेज रही है।