दिल्ली सरकार की दिल्ली स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी ने छात्रों के कम एडमिशन के कारण यहां अपने तीन कैंपस में बीटेक ब्रांच बंद कर दी हैं। बीटेक कोर्स की इन ब्रांचों में 20 से कम छात्र थे, जिसके कारण विश्वविद्यालय ने अशोक विहार, पूसा-I और ओखला फेज II में अपने कैंपस में विभाग बंद करने का फैसला किया है। दिल्ली स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (डीएसईयू) ने प्रभावित छात्रों से कहा है कि वे कोई अन्य ब्रांच या फिर कोई अन्य कैंपस चुन लें जहां उस ब्रांच में सीटें उपलब्ध हों।
आदेश के अनुसार, आर्यभट्ट डीएसईयू अशोक विहार कैंपस में बीटेक की सिविल इंजीनियरिंग ब्रांच व मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच, डीएसईयू पूसा-I कैंपस में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ब्रांच और डीएसईयू ओखला-II कैंपस में नेटवर्क इंजीनियरिंग ब्रांच व मेकाट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग ब्रांच बंद कर दी गई है। सिविल इंजीनियरिंग ब्रांच 11 छात्रों के साथ चल रही थी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग शाखा 8 छात्रों के साथ, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग 11 छात्रों के साथ, नेटवर्क इंजीनियरिंग 9 छात्रों के साथ और मेकाट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग ब्रांच 10 छात्रों के साथ चल रही थी।
एडमिशन बोर्ड के आदेश के मुताबिक बीटेक की जिन ब्रांचेज में 20 से कम छात्र हैं, उन्हें संबंधित कैंपस में बंद कर दिया जाएगा। 2 सितंबर के आदेश में कहा गया है, “निम्नलिखित शाखाओं के छात्रों को उनकी सहमति के अनुसार किसी अन्य ब्रांच या कैंपस को चुनने का ऑफर दिया जाएगा, जो उस ब्रांच में सीटों की उपलब्धता के अधीन होगा।”
डीएसईयू के कुलपति अशोक कुमार नागावत ने कहा कि इन बीटेक कोर्सेज में छात्रों की कम प्रतिक्रिया के कारण ये कार्यक्रम बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “यदि छात्र हमारी अन्य ब्रांच में पढ़ाई जारी नहीं रखना चाहते हैं, तो हम रजिस्ट्रेशन शुल्क सहित छात्रों द्वारा जमा की गई पूरी एडमिशन फीस वापस कर देंगे।”
भाजपा का हमला
बीटेक कोर्स बंद होने पर दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि 2020 में आप सरकार ने डीएसईयू की स्थापना की थी। अब इस केजरीवाल सरकार का दिखावटी शिक्षा मॉडल सामने आ गया है। यह शर्म की बात है कि बीटेक कोर्स, जो आमतौर पर सबसे अधिक मांग वाले कोर्स में से एक है, 20 छात्रों को भी आकर्षित नहीं कर सका। डीएसईयू परिसरों में शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई है।” गुप्ता ने कहा कि यह विफलता केजरीवाल की शिक्षा क्रांति की सच्चाई को उजागर करती है, जो वास्तव में एक बहुत बड़ा धोखा है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि छात्रों को जबरन दूसरे परिसरों में भेज दिया गया।
जवाब में आम आदमी पार्टी ने राज्यों में भाजपा सरकारों के प्रदर्शन की ओर इशारा किया। आप ने आरोप लगाते हुए कहा “यह शर्मनाक है कि गुजरात में भाजपा के 20 साल से अधिक के शासन के बाद भी 1,606 स्कूलों में केवल एक शिक्षक है। भाजपा शासित छत्तीसगढ़ के हाल के एक वीडियो में छात्राएं रोती हुई दिखाई दे रही हैं, क्योंकि उनके स्कूल में कोई शिक्षक नहीं है।”
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