Thursday, November 30, 2023
No menu items!
Homeबड़ी खबरछत्तीसगढ़ नक्सली हमले के बाद सुरक्षाबल के जवानो पर लगा फ़र्ज़ी मुठभेड़...

छत्तीसगढ़ नक्सली हमले के बाद सुरक्षाबल के जवानो पर लगा फ़र्ज़ी मुठभेड़ का आरोप V.o.H News

छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में पिछले महीने सीआरपीएफ के 25 जवानों की माओवादी हमले में मौत के बाद कथित रूप से बरामद संदिग्ध माओवादी के शव को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.

बुरकापाल के लोगों का आरोप है कि मृतक मड़कम बामन को घटना के अगले दिन सुरक्षाबल के जवान अपने साथ ले कर गये थे, जिसे बाद में मार दिया गया और माओवादियों द्वारा शव दफ़ना देने की कहानी गढ़ दी गई.

 

लेकिन दंतेवाड़ा के डीआईजी पुलिस सुंदरराज पी ने इन आरोपों को ग़लत बताया है.

 

“सुरक्षाबलों पर हमले के लिए माओवादी अपने साथ जन मिलिशिया के लोगों को लेकर आते हैं और हमें लगता है कि इस व्यक्ति को भी माओवादी अपने साथ लेकर आए होंगे, जो मुठभेड़ में मारा गया. हमें यह शव तीसरे दिन मिला है, जिसे दफ़नाए जाने के बाद शायद किसी जानवर ने नोच कर बाहर किया था.”

 

बुरकापाल के रहने वाले मड़कम बामन के पिता माड़वी दुला को पुलिस ने ताड़मेटला में 76 सीआरपीएफ जवानों की हत्या के मामले में 2010 में गिरफ़्तार किया था, जिन्हें बाद में अदालत ने निर्दोष मानते हुए बाइज्जत बरी कर दिया था.

लेकिन इसी साल 11 मार्च को माओवादियों ने पुलिस का मुखबिर बता कर माड़वी दुला की हत्या कर दी थी.

 

पुलिस ने दावा किया था कि घटना के तीसरे दिन उन्होंने घटनास्थल के पास से एक शव बरामद किया था.

पुलिस ने आशंका जताई थी कि सीआरपीएफ़ की जवाबी कार्रवाई में कथित माओवादी मारा गया होगा, जिसका शव माओवादियों ने वहीं दफ़ना दिया था.

लेकिन गांव वालों का आरोप है कि बरामद किया गया शव बुरकापाल गांव के उप सरपंच माड़वी दुला के बेटे मड़कम बामन का है, जिसे सीआरपीएफ की टीम घटना के अगले दिन गांव से अपने साथ पकड़ कर ले गई थी और फ़र्ज़ी मुठभेड़ में उसे मार दिया गया.

 

सुकमा हमला: ‘बउवा ज़िंदा रहता तब न फ़ोन रिसीव करता’

हालांकि दंतेवाड़ा के डीआईजी पुलिस सुंदरराज पी का तर्क है कि घटना के अगले दिन से पूरे इलाके में सुरक्षा बल के जवान और बड़ी संख्या में मीडिया से जुड़े लोग उपस्थित रहे हैं. अगर ऐसा होता तो यह बात पहले ही सामने आ जाती. इसके अलावा इस मामले में किसी गांव वाले ने अब तक कोई शिकायत दर्ज़ नहीं कराई है.

बुरकापाल गांव के उप सरपंच माड़वी दुला के बेटे बामन का ही सवाल नहीं है, बुरकापाल से बड़ी संख्या में पुरुष लापता हैं.

गांव में केवल बूढ़े, बच्चे और स्त्रियां हैं. उनसे पूछने पर पता चलता है कि गांव के अधिकांश पुरुष लापता हैं. वे कहां हैं, यह किसी को ख़बर नहीं है. हो सकता है, वे सुरक्षाबल के डर से जंगल में भाग गए हों लेकिन वे कहां हैं, यह ठीक-ठीक बता पाना संभव नहीं है.”

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments