शामली (दीपक कुमार): कोरोना जैसी भयंकर महामारी से जहां दुनिया बेहाल हैं और लाॅक डाउन के दौरान हर किसी के सामने एक बहुत बड़ा संकट पैदा हो गया है।
वहीं फूलों की खेती करने वाले किसान भी इससे अछूते नहीं हैं और आज उनके सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हो गया। लाॅक डाउन होने के कारण फूल की बिक्री नहीं हो पा रही हैं।
कैराना में फूल की खेती करने वाले किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया हैं। जो किसान फूलों की खेती करने वाले हैं। वह पहले जब फूल खिलता था तो फूल की तरह किसान भी खिल जाते थे। लेकिन लाॅक डाउन के बाद अब वहीं किसान जितने फूल खिलते हैं उतने ही उनके चेहरे मुरझा रहें हैं। क्योंकि लाॅक डाउन होने के कारण उनका फूल मंढियों तक नहीं जा पा रहा हैं और फूल खेत पर ही सड़ रहे हैं। बाजारों में फूल न जा पाने के कारण फूल की खेती वाले किसान अब अपने फूल की फसल को उजाड़ रहे हैं। जहां पहले फूल की खेती करने वाले किसान फूल से लाखों लाखों रुपए का धन कमा लिया करते थे। अब वहीं किसान एक रुपया पाने को मोहताज नजर आ रहे हैं और वह आज इस कगार पर पहुंच गए हैं कि उनके सामने रोजी-रोटी का भी संकट खड़ा हो गया हैं। कैराना तहसील क्षेत्र के गांव मन्ना माजरा में फूलों की खेती करने वाले किसान ओमबीर ने बताया कि वह जनपद बागपत के छपरौली थाना क्षेत्र के गांव हलालपुर के रहने वाले हैं और उन्होंने यहां पर 20 बीघा जमीन ठेके पर ली थी। जिसके बाद उन्होंने 20 बीघा जमीन पर फूलों की खेती उगाई थी। जिसमें कि उनका फूल की फसल को लगाने तक का खर्च करीब 4300 रुपए प्रति बीघा आया था। उनकी फसल पूरी तरीके से तैयार हो चुकी थी और मार्च माह में पड़ने वाले नवरात्रों के लिए उन्होंने अपने फूल की फसल को रोका हुआ था। क्योंकि नवरात्र के दिनों में फूल की डिमांड बढ़ जाती है और उन्हें अनुमान था कि जो फूल नवरात्रों से पहले उनका 55 रुपए प्रति किलो जा रहा था। वह नवरात्रों के दौरान 80 रुपए प्रति किलो जाएगा। इस वजह से उन्होंने अपनी फसल को रोका हुआ था। लेकिन नवरात्रों से पहले ही लाॅक डाउन की घोषणा हो गई। जिससे उनका करीब 10 टन माल जो कि तैयार था बिक नहीं पाया और उन्हें करीब 6 से 7 लाख रुपए का नुकसान हुआ।