ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री ने तेहरान-माॅस्को संबंधों को बिगाड़ने के प्रयास जारी रखते हुए कहा है कि सीरिया में ईरान की स्थायी उपस्थिति स्वीकार्य नहीं है और क्षेत्र में ईरान का शक्तिशाली होना, रूस के लिए भी ख़तरा बन जाएगा।
बेनयामिन नेतनयाहू ने इस्राईल के टीवी चैनल-9 से बात करते हुए कहा कि क्षेत्र में ईरान का विस्तारवाद, रूस के हितों के लिए ख़तरनाक है। उन्होंने इस प्रकार का दावा करके रूस को, ईरान के साथ क्षेत्रीय मामलों में सहयोग न करने के लिए उकसाने की कोशिश की है। उन्होंने इसी तरह कहा कि मैंने रूस के राष्ट्रपति से भी कहा है कि ईरान न सिर्फ़ हमारे लिए बल्कि रूस के लिए भी ख़तरा बन जाएगा। ज़ायोनी प्रधानमंत्री ने इसी के साथ यह बात भी स्वीकार की कि ईरान के साथ सहयोग के लिए रूस के पास ठोस तर्क हैं लेकिन साथ ही यह भी कहा कि सीरिया में ईरान की स्थिति का मज़बूत होना इस्राईल के लिए स्वीकार्य नहीं है।
नेतनयाहू ने ईरान व रूस के गठजोड़ पर चिंता जताते हुए कहा कि रूस दाइश को रोकना और पराजित करना चाहता है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि ईरान, दाइश का स्थान ले ले और सीरिया में हिज़्बुल्लाह या शिया गुट स्थापित हो जाएं। उन्होंने यह दावा करते हुए कि प्रतिरोध के लड़ाके गोलान की पहाड़ियों से इस्राईल पर हमला करना चाहते हैं, कहा कि सीरिया में ईरान और उसके समर्थन वाले गुटों की स्थायी उपस्थिति को इस्राईल स्वीकार नहीं करेगा।
ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री ने अपने इस इंटरव्यू में यह दावा करते हुए कि सीरिया की सरकार के पास अब भी दसियों टन रासायनिक हथियार हैं, धमकी दी कि जो भी इस्राईल के ख़िलाफ़ सामूहिक विनाश के हथियार इस्तेमाल करना चाहेगा, वह अपने आपको एक बड़े ख़तरे में डाल लेगा। इससे पहले रूस के उपविदेश मंत्री सेर्गेई रियाबकोव ने घोषणा की थी कि रूस और ईरान के द्विपक्षीय संबंधों का दूसरों से कोई लेना-देना नहीं है और अन्य पक्षों के दबाव से उनके संबंध प्रभावित नहीं होंगे। (HN)
साभार: पर्स टुडे