नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग ने साल 2016 की परीक्षा के आखिरी परिणाम घोषित कर दिए हैं। इस प्रतिष्ठित परीक्षा में कर्नाटक की नंदिनी केआर ने पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है। दूसरे स्थान पर अनमोल शेर सिंह रहे हैं, तो वहीं तीसरा स्थान जी रोनानकी को हासिल हुआ है। लेकिन इस परीक्षा की जो सबसे खास बात है वह है इस परीक्षा में बहुजन छात्रों का दम।
आपको बता दें कि इस बार यूपीएससी द्वारा घोषित नतीजों में 1099 परीक्षार्थियों को सफल घोषित किया गया है। जिसमें 599 बहुजन अभ्यर्थी हैं जबकि 500 अभ्यर्थी जनरल कैटेगरी से हैं। इस बार बहुजन छात्रों ने मेरिटधारियों से ज्यादा जगह बनाकर मेरिटधारियों की जुबान बंद कर दी है। अभी तक माना जाता रहा है कि सिर्फ सवर्ण ही यूपीएससी जैसी बड़ी परीक्षा में सफलता हासिल कर सकते हैं। लेकिन अब यह धारणा टूटती नजर आ रही है।
बहुजन प्रतिभाएं लगातार मेरिटधारियों को मात दे रही हैं। कल्पित वीरवाल, टीना डाबी, भूषण अहीरे, पार्वती टर्के जैसे बहुत सारे नाम हैं जिन्होंने उस अवधारणा को बुरी तरह तोड़ दिया जिसमें मेरिट को सर्वोपरि बताया जाता रहा है। बहुजन छात्रों की योग्यता पर सवाल उठाने वालों पर इस बार बहुजन छात्रों ने करारा जवाब दिया है।
यूपीएससी द्वारा घोषित परीक्षार्थियों का चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय विदेश सेवा, भारतीय पुलिस सेवा सहित केंद्रीय सेवाओं के ग्रुप ‘ए’ और ग्रुप ‘बी’ की सेवाओं के लिए किया गया है। आईएएस के लिए 180, आईएफएस के लिए 45 और आईपीएस के लिए 150 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। इनके अलावा केंद्रीय सेवाओं में ग्रुप-ए के लिए 603 और ग्रुप-बी के लिए 231 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है।