एक आरटीआई आवेदन से रेलवे कैटरिंग में हुए बड़े घोटाले के बारे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
नई दिल्ली । सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दूसरी अपील के तौर पर हाल में ही एक एक्टिविस्ट ने आवेदन किया जिससे पता चलता है कि केंद्रीय रेलवे का कैटरिंग विभाग कुछ खाद्य वस्तुओं को खरीद कर कई बार अपने गोदामों में भर लेता है।
आरटीआई आवेदन में खाद्य वस्तुओं की खरीद पर रेलवे अधिकारियों द्वारा जानकारी शेयर करने में असफल रहने के बाद एक्टिविस्ट अजय बोस ने पहली अपील दर्ज की। इसके प्रतिक्रिया में यह बात पता चला कि प्रत्येक एक किग्रा अमूल दही को 9,720 रुपये में खरीदा जाता है। बोस ने यह आरटीआई आवेदन तब फाइल किया जब उन्हें पता चला कि कैटरिंग विभाग काफी नुकसान में चल रही थी।
बोस ने द हिंदू को बताया, ‘मैंने जुलाई 2016 में आवेदन दर्ज कराया लेकिन इसका कोई जवाब नहीं मिला। इससे पता चलता था कि वे कुछ छिपाना चाहते थे। मैंने एक अपील दायर कर दी और अपीलीय प्राधिकरण ने रेलवे को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया और 15 दिनों के अंदर विवरण प्रदान करने के लिए कहा। इसके बावजूद कई महीनों बाद भी कोई जवाब नहीं मिला।
बोस को ऐसा लगा कि विभाग जान बूझकर उनके अपील को नजरअंदाज कर रही है और तब उन्होंने दूसरी अपील दायर की। उन्होंने बताया, इस बार मुझे विवरण समेत इसका जवाब मिला जो चौंकाने वाला था। वे 100 ग्राम दही जिसकी कीमत 25 रुपये है, 972 रुपये में खरीदते हैं। इसके साथ ही रेलवे कई खाद्य सामग्री उसके MRP से कहीं अधिक मूल्य में खरीदती है
साभार :(जेएनएन)