Sunday, September 24, 2023
No menu items!
Homeविचारकरोड़पति बाप (विविजयपत सिंघानिया) को उसके ही बेटे ने पाई-पाई का मोहताज...

करोड़पति बाप (विविजयपत सिंघानिया) को उसके ही बेटे ने पाई-पाई का मोहताज बनाया

यहाँ क्लिक करके हमारा फेसबुक पेज लाइक करें

देश में कपड़े के क्षेत्र में खासा दखल रखने वाले ब्रांड रेमंड को बुलंदियों पर पहुंचाने वाले 78 वर्षीय विजयपत सिंघानिया इन दिनों पाई-पाई को मोहताज हैं। सबसे अमीर परिवारों में शुमार सिंघानिया परिवार के मुखिया के वकील ने यह आरोप बांबे हाई कोर्ट में बेटे गौतम पर लगाया है। रेमंड का करीब तीन हजार करोड़ रुपये का कारोबार है।

 

 

 वकील के जरिये विजयपत सिंघानिया ने आरोप लगाया है कि उनका बेटा गौतम रेमंड लिमिटेड को अपनी व्यक्तिगत जागीर की तरह चला रहा है। विजयपत इन दिनों दक्षिण मुंबई स्थित ग्रांड पराडी सोसाइटी में किराए के रो हाउस में रह रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने बांबे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मालाबार हिल स्थित पुनर्विकसित 36 मंजिला जेके हाउस में डुप्लेक्स का कब्जा मांगा है। इसके बाद बुधवार को सिंघानिया के वकील ने कोर्ट को बताया कि विजयपत किस तरह पैसों की तंगी से गुजर रहे हैं।

 

 एक हजार करोड़ की संपत्ति कर दी बेटे के नाम

 

बांबे हाई कोर्ट में सिंघानिया के वकील दिनयार मेडन ने बताया है कि सिंघानिया ने सारी संपत्ति अपने बेटे के नाम कर दी। सिंघानिया ने कंपनी में अपने सारे शेयर अपने बेटे के हिस्से में दे दिए थे। इन शेयरों की कीमत 1000 करोड़ रुपये के करीब थी। अब गौतम ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है। यहां तक कि उनकी गाड़ी और ड्राइवर भी छीन लिए हैं।

 

सभी पक्षों ने लगा रखी है याचिका

 

1960 में बना जेके हाउस 14 मंजिला इमारत है। इसमें चार डुप्लेक्स 2007 में रेमंड की सहायक पशमिना होल्डिंग्स को दे दिए गए थे। कंपनी ने इनका फिर से विकास करवाया। विजयपत सिंघानिया और गौतम के बीच हुए समझौते के मुताबिक, वीणादेवी (विजयपत के भाई अजयपत की विधवा), वीणा के बेटों अनंत व अक्षयपत में से प्रत्येक को 5185 वर्गफीट के डुप्लेक्स मिलने थे। अपार्टमेंट में अपने हिस्से के लिए वीणा देवी और अनंत ने पहले से ही एक संयुक्त याचिका दायर कर रखी है। वहीं अक्षयपत ने बांबे हाई कोर्ट में एक अलग याचिका दायर की है।

 

विजयपत का सफर

 

– दिसंबर 2005 से दिसंबर 2006 तक मुंबई के मानद मेयर (शेरिफ) रहे।

 

– 67 साल की उम्र में सबसे अधिक ऊंचाई पर हॉट एयर बैलून उड़ाया।

 

– पद्मभूषण से अलंकृत- 1998 में ब्रिटेन से भारत तक अकेल माइक्रोलाइट विमान उड़ाकर लाए- 1994 में 24 दिन में 34 हजार किमी की उड़ान पूरी की।-एयरफोर्स ने कमोडोर की मानद उपाधि से नवाजा।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments