V.o.H News: महाराष्ट्र पुलिस की पुणे ATS टीम ने पुणे की जिस सादिया शेख के ISIS से जुड़े होने और गणतंत्र दिवस के मौके पर आत्मघाती हमले को अंजाम देने का अलर्ट जारी किया था, उसके मुताबिक सादिया को क्लीन चिट मिल गई हैं और यह साफ़ हुआ हैं की सादिया निर्दोष हैं और गलत इनपुट के चलते पुलिस ने पूछताछ की थी।
मगर क्या आपको मालूम हैं इस गलती की वजह से आज सादिया को पूरी भारितीय मीडिया ने एक आतंकी की शकल देदी हैं। जब ATS ने उसको पूछताछ करने के हिरासत में लिया था तब उस समय मीडिया पर एक ही न्यूज़ आ रही थी ‘सादिया शेख जो की ISIS से जोड़ी हैं उसको ATS ने किया गिरफ्तार।
क्लीन चिट मिलने के बाद सादिया को बदनाम कर चुकी मीडिया से रूबरू हो कर बहुत से खुलासे किये हैं। सादिया ने बताया कि, वह नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन कराने के लिए जम्मू-कश्मीर गई थीं। सादिया बताती हैं कि, जब मैं जम्मू कश्मीर गई तो वहां एक रिपोर्ट चल रही थी कि पुणे की एक लड़की है जो फिदायीन हमले में शामिल हो सकती है। इस रिपोर्ट के बाद पुणे पुलिस ने मेरे परिवार वालों से संपर्क किया और कहा कि, या तो मैं पुणे वापस आ जाऊं या फिर वीडियो कॉल के द्वारा पुलिस से बात करूं।
उन्होंने बताया कि उन्हें पुलिस ने कभी गिरफ्तार ही नहीं किया बल्कि वे खुद ही पुलिस के सामने गई थीं। साथ ही उन्होंने मीडिया पर खुद की छवि को धूमिल करने का आरोप भी लगाया। उनका कहना था कि, वो घाटी में नर्सिंग की पढ़ाई करने गई थीं। उनका किसी आतंकी संगठन से कोई वास्ता नहीं है।
मेरी छवि को खराब करने के लिए मीडिया ही पूरी तरह से जिम्मेदार है। इंटेलिजेंस ब्यूरो के मुताबिक मैं उनके लिए एक संदिग्ध थी, पर मीडिया ने तो मुझे आतंकवादी ही घोषित कर दिया था। मैं अपने भूतकाल को भूलकर अपना अच्छा भविष्य बनाना चाहती हूं, पर मेरे भूतकाल को उछाल-उछाल कर दिखाया जा रहा है। मेरे भविष्य को खराब करने के लिए मीडिया ने कोई कसर नहीं छोड़ी है।
पुलिस के समक्ष में खुद पेश हुई, कश्मीर पुलिस, एटीएस, इंटेलिजेन्स ब्यूरो और बहुत सी एजेंसियों ने मुझसे जम्मू में आने की काफी पूछताछ की थी, जिसपर मैंने सारे सबूत पेश किए थे कि मैं जम्मू में पढ़ाई के लिए आई हूं। मुझे वहां से क्लीन चिट मिली है और मैं पूरी तरह से निर्दोष साबित हुई हूं।
उन्होंने कहा कि, मैं पुलिस की नजरों से निर्दोष जरूर बरी हो गई हूं, पर मुझे आज भी घर से बाहर निकलने में डर लगता है, समाज में लोग मुझे आतंकवादी की नजर से देखते हैं। मैं बस अपना भविष्य बनाना चाहती हूं, जो मेरा मौलिक अधिकार है, पर इस तरह के संगीन आरोपों की वजह से मेरे पूरा करियर बर्बाद होने को है। मुझे पूरा अधिकार है कि मैं किस विषय पर और किस जगह से पढ़ाई करना चाहती हूं। जम्मू में मेरी पढ़ाई को लेकर शक की नजर से देखा जाना, मेरे लिए काफी दर्दनाक है।