बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था युनिसेफ़ ने कहा है कि मार्च 2015 से यमन के विरुद्ध शुरू किए जाने वाले सऊदी अरब के युद्ध में 5000 से अधिक यमनी बच्चे मारे जा चुके हैं।
मंगलवार को प्रकाशित होने वाली अपनी रिपोर्ट में युनिसेफ़ ने कहा है कि औसतन पांच बच्चे हर दिन सऊदी युद्ध की भेंट चढ़े हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि कम से कम 20 लाख यमनी बच्चे इस युद्ध के कारण शिक्षा के वंचित हैं और 4 लाख बच्चे कुपोषण से जूझ रहे हैं।
युनिसेफ़ के प्रतिनिधि मेरिटक्सेल रेलानो का कहना है कि बच्चों की एक पूरी नस्ल एसी है जिसे अपनी ज़िंदगी में हिंसा के अलावा कुछ देखने को नहीं मिला है यह लोग एसे युद्ध का दंश झेल रहा हैं जिसका कारण वह ख़ुद नहीं हैं।
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र संघ ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि यमन में जिन लोगों को मानवीय सहायता की कड़ी आवश्यकता है उनकी संख्या 2 करोड़ 22 लाख से अधिक है अर्थात देश की 75 प्रतिशत से अधिक आबादी को मानवीय सहायता की ज़रूरत है।
सऊदी अरब द्वारा थोपे गए इस युद्ध में 13600 से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं।
सऊदी अरब ने अपनी मर्ज़ी की सरकार यमन पर थोपने के लिए इस देश के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ रखा है लेकिन इस समय जो हालात बने हैं उनसे साफ़ ज़ाहिर होता है कि सऊदी अरब को अपने लक्ष्य में कामयाबी नहीं मिल सकती।
यमन की सेना और स्वयंसेवी बलों ने इसी युद्ध के दौरान लगातार अपनी रक्षा क्षमता बढ़ाई है और उसकी मिसाइल शक्ति में एक नया उछाल देखने में आया है। यमन के मिसाल अब सऊदी अरब की राजधानी रियाज़ तक पहुंच रहे हैं जबकि यमनी मिसाइलों ने सऊदी गठबंधन के विमानों को सफलता से निशाना बनाना भी शुरू कर दिया है।