इराक़ी सांसद ने कहा है कि आले सऊद शासन इस्राईल की सेवा में क्षेत्र में सांप्रदायिक जंग छेड़ने की कोशिश कर रहा है।
फ़िरदौस अलअव्वादी ने गुरुवार को एक बयान में कहा, “सऊदी रक्षा मंत्री मोहम्मद बिन सलमान का अज्ञानता भरा बयान और शियों की आस्था से दुश्मनी, आले सऊद शासन की कुरूप छवि को पेश करता है।”
अलअव्वादी ने कहा, “अगर इस जाहिल व्यक्ति को इस्लाम की जानकारी होती तो उसे यह पता होता कि हज़रत महदी अलैहिस्सलाम के विषय पर सुन्नी और शिया एकमत हैं और इस संबंध में मतभेद आंशिक हैं।”
इराक़ी सांसद ने कहा कि इस तरह के संवेदनशील विषय ज़ायोनी शासन की चिंता को दर्शाते हैं। इसी प्रकार इस तरह का बयान ईरान, इराक़, लेबनान, यमन, बहरैन और कुछ इस्लामी देशों में इस्लामी प्रतिरोध गुटों के दुश्मनों की चिंता को दर्शाते हैं।
अलअव्वादी ने मुसलमानों से अपील की कि सऊदी अरब के धोखे में न आएं और मेल-जोल से रहते हुए क्षेत्र की शांति व स्थिरता में मदद करें।
सऊदी अरब के रक्षा मंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने अपने द्वेषपूर्ण बयान में दावा किया था कि ईरान से कैसे मेल-जोल हो सकता है जो हज़रत महदी के प्रकट होने का इंतेज़ार और इस्लामी जगत पर वर्चस्व जमाने की कोशिश कर रहा है।
ग़ौरतलब है कि हज़रत महदी पैग़म्बरे इस्लाम के अंतिम उत्तराधिकारी हैं जो दुनिया में उस समय प्रकट होंगे जब दुनिया पूरी तरह अत्याचार व अपराध में डूब चुकी होगी। वह प्रकट होकर दुनिया में न्याय व शांति स्थापित करेंगे। (MAQ/N)