लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजकीय विभागों की ढीली व्यवस्था को तत्काल बंद करने के साथ ही पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार मुक्त कार्य प्रणाली अपनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होने कार्यालयों के रख-रखाव को तत्काल सुधारने पर बल देते हुए कहा है कि सरकारी कार्यालयों में पहुंचने पर लोगों को सुखद अनुभूति होने के साथ ही जनता को राहत मिलनी चाहिए।
लखनऊ के शास्त्री भवन स्थित सभागार में सीएम ने अपने विभागों से सम्बन्धित मंत्रियों, प्रमुख सचिवों तथा सचिवों के साथ समीक्षा बैठक को सम्बोधित किया। ऐंटी रोमियो दल द्वारा मर्जी से साथ बैठे कपल को परेशान करने के आरोपों के बीच सीएम ने यह भी कहा कि यदि युवक और युवती आपसी सहमति से कहीं बैठे हैं या कहीं जा रहे हैं तो उन पर कार्रवाई कतई न की जाए।सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैठक के दौरान कुछ खास निर्देश भी जारी किए।
बैठक में सीएम द्वारा निम्न निर्देश जारी किए गए: 1.कार्यालयों में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बायोमेट्रिक व्यवस्थालागू की जाए। 2.कक्षों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएं ।3.जनता की समस्याओं का त्वरित एवं गुणात्मक निस्तारण किया जाए।4.प्रधानमंत्री आवास योजना का कार्य नगर विकास विभाग से लेकर आवासविकास विभाग को देने का निर्देश। 5.राजकीय अस्पतालों में चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित करायी जाए।6.सस्ती दर पर उपलब्ध होने वाली जेनेरिक दवाओं की 3 हजार दुकानें खोलने की व्यवस्था की जाए।7.गेहूं खरीद की पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।8.गेहूं खरीद लक्ष्य को 40 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर लगभग 80 लाख मीट्रिक टन किया जाए।9.किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने के लिए सभी सहकारी समितियों को पुनर्जीवित किया जाए।10.पंजीकृत दागी फर्मों एवं माफिया किस्म के ठेकेदारों का पंजीयन समाप्त कर अच्छी संस्थाओं एवं व्यक्तियों को मौका दिया जाए।11.अपराधियों, तस्करों, भू माफियाओंआदि पर बिना किसी भेदभाव के सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।12.युवक और युवती आपसी सहमति से कहीं बैठे हैं या कहीं जा रहे हैं तो उन पर कार्रवाई कतई न की जाए।13.थानों एवं तहसीलों में फरियादियों के लिए बैठने एवं पानी पाने की व्यवस्था अवश्य की जाए।14.प्रदेश की सभी क्षेत्रीय भाषाओं एवं संस्कृतियों के विकास के लिए कार्य किया जाए।15.भाषा विभाग में राजनैतिक नियुक्तियों को तत्काल प्रतिबंधित किया जाए।16.इलाहाबाद, मेरठ, आगरा, गोरखपुर तथा झांसी नगरों में भी मेट्रो चलाने के लिए तेजी से डीपीआर तैयार किया जाए। इसके अलावा सीएम ने यह भी कहा कि सूखा एवं बाढ़ से होने वाली जन हानि के लिए सम्बन्धित विभागों के अधिकारी सीधे जिम्मेदार होंगे। इसके अलावा अवैध खनन की शिकायतों केलिए जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी सीधे जिम्मेदार माने जाएंगे।