मितौली खीरी। एक ओर भारत सरकार द्वारा संचालित समस्त योजनाओ को नागरिको के आधार आम आदमी का अधिकार
के तहत देश के सभी नागरिकों को आधार कार्ड बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है
जिसका उपयोग बैंक खाता,रसोई गैस तथा अन्य महत्वपूर्ण योजनाओ में नागरिक आधार कार्ड जरुरी कर दिया गया है ।
वही मितौली तहसील में स्वक्षता अभियान के तहत हो रही सफाई में शौचालय में फैली गंदगी और कूड़े करकट के ढेर सैकड़ो आधार कार्डो का मिलना एक गंभीर विचारणीय विषय है ।
सैकड़ो की संख्या में आधार कार्ड शौचालय बना कूड़ा दान के मलवे में मिलना आखिर क्या दर्शाता है इससे क्या तहसील और विकास खंड कार्यालय के कर्मचारियों की घोर लापरवाही का नतीजा तो नहीं है।
आखिर ये आधार कार्ड क्या कब और किसके द्वारा तहसील शौचालय में इस तरह से डाले गए और क्यों यह भी जाँच का विषय है।
हलाकि देखने से प्रतीत हो रहा था कि कई महीनो से इस कूड़े के ढेर में डाले गए हो।
आधार एक विशिष्ट पहचान
अगर योगी जी का स्वच्छता अभियान विकास खंड मितौली व तहसील कार्यालय में उप जिलाधिकारी संजय सिंह के कड़े तेवर से उन्ही के निर्देशन में सही तरीके से स्वक्षता अभियान न चलाया गया होता तो शायद इसकी कोई जानकारी भी नहीं हो
पाती।
क्योकि आधार एक विशिष्ट पहचान तो शौचालय में पटी गंदगी की पहचान बन चूके थे।
हलाकि इस बाबत जब उपजिलाधिकारी मितौली संजय सिंह से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि अगर इस तरीके से आधार कार्ड मिले है तो यह एक गंभीर विषय है इसकी जांच कराई जाएगी और जिसकी भी लापरवाही मिली कार्यवाही की जाएगी।
ये आधार कार्ड कैसे है किस मकसद से डेल गए और कब डाले गए किसने डाले ये भी जाँच का विषय है।
रिपोर्टिंग –
सैय्यद हसन जाज़िब आब्दी