भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नर्मदा सेवा यात्रा का समापन करने सोमवार को अमरकंटक पहुंचे। जिनके लिए सरकार ने भीड़ जुटाने प्रदेशभर से करीब 5000 बसों का इंतजाम किया। इसके लिए बाकायदा सरकारी विभागों ने ट्रांसपोर्टरों को 50 से लेकर 75 फीसदी तक अग्रिम राशि का भुगतान भी किया। अपर मुख्य सचिव योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग दीपक खांडेकर के माध्यम से सरकारी विभागों ने बस मालिकों को भुगतान की व्यवस्था करने के मौखिक निर्देश भी दिए।
NATIONAL HERALD ने पीएम मोदी की “नमामि देवी नर्मदे” रैली का सच दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत किया है जो इस प्रकार है…
मोदी की नर्मदा रैली के लिए सरकारी खजाने से, जनता के टैक्स के पैसे से रु.20 करोड़ से ज्यादा खर्च किए गए। रु.17 करोड़ की केवल बसें बुक की गई थीं। बकायदा लिस्ट बनाकर राज्य के सभी 52 District Collectors को फंड रिलीज किया गया था।
हर District Collector ने अपनी श्रद्धा के मुताबिक मां नर्मदा की सेवा के लिए लिखित में पैसा मांगा। जैसे- सिंगरौली District Collector ने परिवहन व्यय के लिए मात्र रु.85 लाख 60 हजार की मांग की थी। चिट्ठी नीचे ख़बर के बीच में।
अमरकंटक से 925 किलोमीटर दूर झाबुआ तक से लोगों को लाने-ले जाने के लिए बसें बुक कई गई थीं। झाबुआ Collector को परिवहन खर्चे के लिए रु.69,680 दिए गए।
इंदौर, भोपाल, सतना जैसे बड़े जिलों में कलेक्टर साहब ने मां नर्मदा की सेवा के लिए 200-350 बसें बुक की। छोटे जिलों से 25-60 बसें बुक कराई गईं। 31 जिलों से 2500 से ज्यादा बसें अमरकंटक भेजी गईं।
नर्मदा सेवा रैली में भाग लेने वाले ”स्वच्छता दूतों” को रु.500 प्रति व्यक्ति नकद दिया गया। शिवराज सिंह की सरकार ने ”स्वच्छता दूतों” को एक-एक टी-शर्ट और गमछा भी प्रदान किया।
इस प्रकार सोमवार को अमरकंटक में, जहां से नर्मदा निकलती हैं, पीएम मोदी की नर्मदा सेवा समाप्त हुई। अगली सेवा यात्रा उस नदी की होगी जहां चुनाव आाने वाले हैं। सेवा से खुश मां नर्मदा ने मोदी-शिवराज सिंह चौहान दोनों को गले लगा लिया और कहा- अगले बार / बरस तुम जल्दी आना।