केरल। केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने कहा कि राज्य सरकार लोगों को अपनी पसंद का भोजन करने के लिए सभी सुविधाएं देगी। केरलवासियों के लिए हमें केंद्र की मोदी सरकार या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या आरएसएस मुख्यालय में किसी से सीख लेने की कोई आवश्यकता नहीं है। पिनारायी विजयन ने रविवार को पशु बाज़ार में वध के लिए पशुओं की बिक्री पर रोक लगाए जाने को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला।
पिनारायी विजयन ने कहा कि उनके राज्य के लोगों को खाने की आदतों के बारे में नई दिल्ली या नागपुर से सीख लेने की आवश्यकता नहीं है। पिनारायी विजयन ने अलप्पुझा में आयोजित एक समारोह के दौरान कहा कि केरल के निवासियों की खाने की पारंपरिक आदतें हैं, जो स्वस्थ और पौष्टिक है, और इन्हें कोई नहीं बदल सकता।
स्थानीय प्रशासन मंत्री केटी जलील ने कहा कि राज्य सरकार इस रोक को हटाने के लिए एक नया कानून बनाने पर विचार करेगी। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के राज्य सचिव कोडियरी बालकृष्णन ने भी कोझीकोड में कहा कि केंद्र सरकार आरएसएस का एजेंडा थोपने का प्रयास कर रही है।
वहीं केरल सहित दक्षिण भारत में वध के लिए पशु मेलों में मवेशियों की बिक्री पर मोदी सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है। ममता ने कहा कि रमजान का महीना चल रहा है और केंद्र सरकार एकतरफा तरीके से निर्णय ले रही है कि लोग क्या खाएंगे और क्या नहीं। क्या बेचा जाएगा और क्या नहीं बेचा जाएगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं शाकाहारी हूं और यह मानती हूं कि पेड़ों में भी जीवन होता है। फिर हमें पेड़ भी नहीं काटना चाहिए। साथ ही हम गौ माता का भी सम्मान करते हैं।’ केंद्र सरकार के पशु वध प्रतिबंध को ममता बनर्जी असंवैधानिक बताया और कहा कि केंद्र सरकार से गुजारिश है कि राज्य के मामलों में दखल न दे।