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लखनऊl टोल प्लाजा पर वीआईपी लेन बनाने का फैसला योगी सरकार ने दो दिन के अंदर ही वापस ले लिया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री वीआईपी कल्चर को खत्म करने की बात करते हैं वहीं सीएम के इस फैसले की हर तरफ आलोचना हो रही थी।
बता दें कि दो दिन पहले पीडब्ल्यूडी के अपर मुख्य सचिव सदाकांत ने सभी कमिश्नर, डीएम, पीडब्ल्यूडी चीफ और एनएचएआई के अफसरों को इस बाबत पत्र भेजकर निर्देश जारी किए थे। इसमें कहा गया था कि टोल प्लाजा पर जाम होने की स्थिति में एमएलए, एमएलसी और एमपी के वाहनों की आवाजाही के लिए अलग लेन बनायी जाएगी।
इतना ही नहीं इनसे टोल टैक्स न वसूलने के निर्देश भी दिए गए थे, क्योंकि केंद्र सरकार के आदेश के तहत उन्हें यह छूट मिली हुई है। आज सदाकांत की तरफ से फिर से एक पत्र जारी किया गया जिसमें लिखा है कि इस निर्देश से भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। टोल प्लाजा पर कोई वीआईपी लेन नहीं बनानी है, सभी के लिए सुविधाएं समान रहेंगी।
हाल ही में यह मुद्दा विधान परिषद में उठा था कि टोल टैक्स बूथों पर सदस्यों को नियमानुसार छूट नहीं दी जा रही। वहां मौजूद स्टाफ उन्हें विधायक मानने को तैयार ही नहीं होता है। सरकार ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए पीडब्ल्यूडी के अपर मुख्य सचिव को जरूरी कदम उठाने का आदेश दिए थे।
इसके बाद अपर मुख्य सचिव ने पत्र जारी कर कहा था कि नेशनल हाईवेज फी रूल्स-2008 के तहत टैक्स छूट की सूची में लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद सदस्य भी शामिल हैं। सभी डीएम अपने जिले में स्थित टोल प्लाजा या टोल कलेक्शन सेंटर पर यह सुनिश्चित कराएं कि इन सदस्यों से टोल टैक्स न मांगा जाए।
ये भी कहा था कि टोल प्लाजा पर जाम होने पर इन विशिष्ट जनों के वाहनों के लिए अलग लेन की व्यवस्था भी कराई जानी चाहिए। इस संबंध में कोई शिकायत आने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नेशनल हाई-वे अथॉरिटी के अधिकारियों को भी निर्देश दिए गये थे कि वे अपने स्तर से सभी संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों को आदेश दें और नियमों की पूरी जानकारी दें।फेसबूक से जुड़ें – यहाँ क्लिक करके पेज लाइक करें